ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में एक अलग ही माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। शिक्षण संस्थान भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने गणतंत्र दिवस पर अपने छात्रों के बाहर घूमने-फिरने पर रोक लगा दी है।
संस्थान ने बकायदा सर्कुलर जारी कर सभी छात्रों को सलाह दी है कि अगर वे बाहर गए तो उनको कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है, उनका उत्पीड़न हो सकता है इसलिए वे संस्थान परिसर में ही रहें।
दैनिक जागरण पर छपी खबर के मुताबिक, दारुल उलूम ने उन्हें ट्रेन में सफर करने से भी मना किया गया है। देश में शायद पहली बार किसी शिक्षण संस्थान ने छात्रों के लिए गणतंत्र दिवस पर ऐसा फरमान जारी किया है।
यूनिवर्सिटी के हॉस्टल विभाग के हेड ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर छुट्टी होती है, इसलिए सामान्यता हॉस्टल के छात्र बाहर घूमने निकल जाते हैं। ऐसे में किसी भी विवादित परिस्थिति से बचने के लिए छात्रों को अडवाइजरी जारी की गई है।
बता दें कि संस्थान की ओर से जारी किए गए इस सर्कुलर में लिखा है- अगर कोई बेहद जरूरी काम हो तो ही परिसर के बाहर निकलें और ऐसे में बाहर जाना पड़े तो जो परिस्थितियां हैं उन्हें देखते हुए किसी भी विवाद में न पड़ें न ही किसी से बहस करें।
दारुल उलूम देवबंद ने छात्रों से सख्त हिदायत दी है कि ऐसे मौके पर कहीं सफर न करें और अगर किसी को जरूरत है तो सफर करके फौरन दारुल उलूम देवबंद का रुख करें।
गौरतलब है कि 2017 में गणतंत्र दिवस के आसपास ट्रेन में सफर कर रहे कुछ अल्पसंख्यक छात्रों को बागपत के पास प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगा था।
शायद यही वजह है कि दारुल उलूम देवबंद ने इस बार सर्कुलर जारी कर छात्रों को सचेत किया है। लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संस्थान के इस सर्कुलर को राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है।