दिल्ली अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को रोका

   

नई दिल्ली, 29 सितम्बर । आपात सेवा को छोड़कर, दिल्ली के सरकारी महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने मंगलवार को एक डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की घटना के विरोध में सभी जरूरी और गैर-जरूरी सेवाओं को रोकने का फैसला किया है।

आरडीए ने कहा कि उसने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एक रोगी और उसके सहयोगी की ओर से एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज नहीं करवाने को लेकर विरोध जताया है।

आरडीए ने औपचारिक रूप से एक नोटिस के जरिए हॉस्पिटल मेडिकल सुपरइंटेंडेंट को अपना विरोध जताया।

नोटिस के अनुसार, अभी तक क्योंकि कोई पुष्टि नहीं मिली है, हमारे पास 10 बजे से जरूरी सेवाओं से रेजिडेंट डॉक्टरों को हटाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। इसके लिए आपको 26 सितंबर और फिर 28 सितंबर को सूचित किया गया था।

नोटिस के अनुसार, जिस तरह से इस मामले को हैंडल किया गया, हम इससे दुखी हैं। संबंधित डॉक्टर काफी मानसिक तनाव में हैं और अगर उसे प्राथमिकता के साथ संस्थानिक सहयोग नहीं मिला, तो चीजें और बदतर हो जाएंगी।

आरडीए ने कहा, अगर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ कुछ गलत होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? हम नहीं चाहते कि रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़े और जल्द से जल्द ड्यूटी ज्वाइन करना चाहते हैं, लेकिन इसे हम अपनी जिंदगी और हमारे प्रोफेशन के सम्मान पर खतरे की कीमत पर नहीं करना चाहते।

इसबीच, विभिन्न सरकारी अस्पतालों के आरडीए ने पीड़ित डॉक्टरों के प्रति सहानुभूति जताई है।

आरडीए ने कहा, हम दुर्व्यवहार की निंदा करते हैं और महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हैं। साथ ही अधिकारियों से तत्काल आरोपियों के खिलाफ कदम उठाने की मांग करते हैं।

दरअसल शनिवार को एक रोगी प्रियंका और उसके अटेंडेंट नरेश डॉ. राहुल पर उस वक्त ऑपरेशन थियेटर में हमला कर दिया, जब उन्होंने दोनों को मास्क पहनने और उनकी बारी की प्रतिक्षा करने को कहा।

बाद में, डॉ. जैन ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 186,188, 353, 332, 506 और 34 के तहत और अन्य संबंधित कानून के तहत मामला दर्ज करवाया।

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