दिल्ली कांग्रेस की व्यापारिक गतिविधियां चालू करने की मांग, उपराज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

   

नई दिल्ली, 29 मई । दिल्ली में व्यापारियों की समस्याओं, व्यापारिक गतिविधियों को चालू करने व इनको आर्थिक सहायता दिए जाने के संबध में शनिवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय राज निवास में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ एक ज्ञापन दिया।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस द्वारा उपराज्यपाल को दिए गए ज्ञापन की जानकारी देते हुए पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने बताया, दिल्ली कांग्रेस की ओर से यह सुझाव दिया कि लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे दुकानदारों को राहत देने के लिए बाजारों को सप्ताह में अधिकतम 5 दिनों तक खोला जाए व दो दिन कर्फ्यू लगाया जाए, ताकि संक्रमण नियंत्रण के लिए जंग जारी रहे।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है, सरकार दिल्ली सभी मार्केट में ऐसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर व्यापारियों एवं कर्मचारियों के लिए कोविड वैक्सीनेशन कैम्प लगाए और अरटीपीसीआर टेस्ट हो व मार्केट को लगातार सेनिटाइज कराया जाए।

इस दौरान दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया, कोविड-19 महामारी से दिल्ली और देश का प्रत्येक वर्ग प्रभावित है और कोविड नियंत्रण के लिए लॉकडाउन कोई सार्थक उपाय नही है, क्योंकि लॉकडाउन से संक्रमण को तो आंशिक रूप से नियंत्रण तो लगता है, परंतु मजदूर, दुकानदार, ट्रेडिंग हाउस, लघु उघोग से जुड़े व्यवसायिक और व्यापारी वर्ग आर्थिक संकट के चलते हाशिए पर पहुंच गया है।

उनके अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लॉकडाउन खोलने की घोषणा अव्यावहारिक और दिल्लीवासियों को गुमराह करने वाली है। दरअसल, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 31 मई से निर्माण कार्य और मैन्यूफैक्च रिंग तथा प्रोडक्शन कार्य के लिए फैक्टरी खोलने की बात कही है।

प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि कच्चे माल की दुकानों को इजाजत दिए बिना कैसे फेक्ट्रियों का संचालन तथा निर्माण कार्य संभव है। जब फैक्टरियों से माल थोक विक्रेता नहीं लेगा और खुदरा बाजार में नहीं पहुंचेगा तो प्रोडक्शन और मैन्यूफैक्च रिंग की खपत कहां होगी, क्या केजरीवाल जी इस पर खुलासा करेंगे?

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अनुसार, दिल्ली में बड़े व छोटे बाजारों में काम करने वाले 15 लाख व्यापारियों तथा छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों के साथ 30-35 लाख परिवार जुड़े हैं। लॉकडाउन के चलते आर्थिक संकट की परिस्थितियों में व्यापारियों के काम धंधे न सिर्फ तालाबंदी की कगार पर पहुंच गए हैं, बल्कि लाखों लोगों की बेरोजगारी के कारण अजीविका भी प्रभावित हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस ने मांग की है कि आपदा को देखते हुए पंजीकृत व्यापारियों के कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन के हिसाब से 2 माह का आधा वेतन दिल्ली सरकार द्वारा दिया जाए तथा पंजीकृत व्यापारियों के किराए की राशि का आधा हिस्सा सरकार वहन करे। वहीं, लॉकडाउन में व्यापारियों और दुकानदारों के बिजली बिल पर फिक्स चार्ज और यूनिट दर तथा पानी के बिल माफ किया जाए।

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