दिल्ली के 55 लाख लोगों को राशन कार्ड दे आप सरकार : कांग्रेस

   

नई दिल्ली, 12 दिसंबर । दिल्ली में शीला दीक्षित की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हारून यूसुफ ने अरविंद केजरीवाल सरकार को चेतावनी दी कि अगर वह करीब 55 लाख लोगों को राशन कार्ड नहीं देती है या उन्हें कोविड-19 महामारी के संकट के समय पर मुफ्त राशन प्रदान नहीं करती है तो उनकी पार्टी इसके खिलाफ अभियान शुरू करेगी।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूसुफ ने कहा कि पिछले छह वर्षो से 11.49 लाख गरीब परिवार अपने राशन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर एक परिवार में औसतन पांच सदस्य भी रहते हैं तो केजरीवाल सरकार 55 लाख लोगों का निवाला छीन रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन परिवारों के समर्थन में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।

उन्होंने कहा कि गरीब लोग अपने जीवन यापन के लिए राशन की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति किए जाने वाले अनाज, दालों और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर पूरी तरह से निर्भर हैं और राशन कार्ड के अभाव में ऐसे परिवारों के बच्चे तेजी से कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने केजरीवाल सरकार की ओर से विज्ञापनों पर किए जाने वाले खर्च पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आप सरकार के पास गरीबों की कीमत पर प्रचार के लिए 511.78 करोड़ रुपये खर्च करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उनमें से अधिकांश नौकरियों से बाहर हैं और महामारी के कारण अपना काम-धंधा को चलाने में असमर्थ हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने बीते सात सालों में 461 राशन की दुकानों को बंद कर दिया है। जबकि, शराब के ठेकों की संख्या में 450 का इजाफा हुआ है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी बंद (लॉकडाउन) के दौरान शराब की दुकानों के जल्द खुलने से राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े।

यूसुफ ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, दिल्ली सरकार के जनता संवाद पोर्टल ने उल्लेख किया है कि सरकार ने केवल लगभग 10 लाख लोगों को मुफ्त राशन की आपूर्ति करने के लिए एक योजना शुरू की है, जबकि 54 लाख लोगों ने मुफ्त राशन के लिए आवेदन किया हुआ है। इससे साबित होता है कि सरकार ने 80 प्रतिशत गैर-राशन कार्ड धारकों को नियमित राशन देने से इनकार कर दिया है।

Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.