दिल्ली : जीटीबी अस्पताल में कम मिल रहे प्लाज्मा डोनर

   

नई दिल्ली, 30 जुलाई । कोविड-19 मृत्युदर को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत यहां के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में तीसरा प्लाज्मा बैंक शुरू हो चुका है। यहां अब तक 5 लोग प्लाज्मा दान कर चुके हैं। लेकिन जितने प्लाज्मा डोनर की दरकार है, उतने नहीं मिल रहे हैं।

इस अस्पताल में इलाज से जो मरीज स्वस्थ हुए, जिन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जाहिर की थी, मगर उनमें से कई मरीजों ने प्लाज्मा डोनेट करने से इनकार कर दिया है।

जीटीबी अस्पताल के एक डॉक्टर ने आईएएनएस को बताया, अस्पताल को प्लाज्मा बैंक शुरू करने के लिए उपकरण, कर्मचारी मिल चुके हैं और तरीका भी बता दिया गया है। जीटीबी अस्पताल में करीब 70 कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा रहा है। साथ ही अस्पताल में 1500 कोविड बेड मौजूद हैं। इनमें से 1400 से ज्यादा बेड इस वक्त खाली हैं।

जीटीबी अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, हमने उन कोविड-19 मरीजों की सूची बनाई है, जिनका यहां इलाज हुआ और जो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। जिन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जाहिर की थी, ऐसे करीब 70 मरीजों के नाम सूची में हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिन मरीजों ने पहले प्लाज्मा डोनेट करने के लिए इच्छा जाहिर की थी, उनमें से करीब 90 फीसदी मरीजों ने प्लाज्मा डोनेट करने से मना कर दिया।

उन्होंने कहा, हमारे डॉक्टर्स ने जब उन मरीजों को फोन किया तो करीब 60 से ज्यादा संक्रमण से ठीक हुए मरीजों ने अन्य मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करने से इनकार कर दिया। नागरिकों को जागरूक होना होगा, उन्हें समझना होगा कि प्लाज्मा डोनेट करने से कुछ नुकसान नहीं होता है।

नियमों के अनुसार, 18 से 60 साल की उम्र के वे लोग जिन्हें कोरोना से ठीक हुए 14 दिन हो गए हैं, जिनका वजन 50 किलो से ज्यादा है वे प्लाज्मा दे सकते हैं। वहीं महिलाएं जो कभी एक बार भी प्रेग्नेंट हुई हों, वे प्लाज्मा नहीं दे सकतीं। शुगर मरीज, हाइपरटेंशन की बीमारी है या बीपी 140 से ज्यादा है, वे प्लाज्मा नहीं दे सकते। कैंसर सर्वाइवर भी प्लाजमा डोनेट नहीं कर सकते और किडनी, हार्ट की बीमारी से ग्रस्त लोग भी प्लाज्मा नहीं दे सकते।

अस्पताल के एडिशनल एमएस ने आईएएनएस को बताया, हमारे अस्पताल में अब तक 5 लोग प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं और कल तक उम्मीद है कि ये संख्या 9 हो जाएगी।

इससे पहले आईएलबीएस अस्पताल में दिल्ली का पहला प्लाज्मा बैंक बनाया गया था। इसके बाद एलएनजेपी अस्पताल में दूसरा प्लाज्मा बैंक बनाया गया और जीटीबी अस्पताल में तीसरा प्लाज्मा बैंक भी शुरू हो चुका है।

Source: IANS

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