दिल्ली : निगम ने सोसाइटी के गेट तुड़वाए, आप बोली, फिर से लगवाएंगे

   

नई दिल्ली, 26 सितंबर । दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 25 सितंबर को ग्रीन पार्क एक्सटेंशन में निवासियों की सुरक्षा के मद्देनजर लगाए गए आरडब्ल्यूए के गेटों को तुड़वा दिया। इस पर राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की कॉलोनियों के बाहर सुरक्षा के लिए लगाए गए गेटों को तोड़ने पर भाजपा शासित नगर निगम और दिल्ली पुलिस पर हमला बोला है।

निवासियों के संगठन आरडब्ल्यूए का कहना है कि आए दिन हो रही आपराधिक गतिविधियों से परेशान होकर लागों ने अपने पैसे से गेट लगवाए थे।

मालवीय नगर से आप के विधायक सोमनाथ भारती ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि निगम पर काबिज भाजपा दिल्ली की जनता और आरडब्ल्यूए को परेशान कर रही है। भाजपा शासित निगम ने मनमानी करते हुए ग्रीन पार्क एक्सटेंशन में बिना कोई नोटिस दिए, सुरक्षा के लिए लगाए गए आरडब्ल्यूए के 8 गेटों को तुड़वा दिया।

उन्होंने आगे कहा कि सभी गेट आरडब्ल्यूए ने अपने पैसों से लगवाए थे, इन गेटों को लगाने में एमसीडी की कोई भागीदारी नहीं थी। जब निगम के डिप्टी कमिश्नर से पूछा गया तो मालूम हुआ कि उनको इस घटनाक्रम के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।

ग्रीन पार्क एक्सटेंशन रेजीडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नकुल शरण ने आईएएनएस से कहा, हमारी सोसाइटी चारो ओर से खुली हुई है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे हमारी सोसाइटी की सड़कों को लोग शॉर्ट कट रास्ते की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने 30 साल पहले नेबरहुड कॉलोनी स्कीम निकाली, जिसके तहत हमने ये गेट लगवाए।

उन्होंने कहा, हमारी सोसाइटी में कुल 18 गेट हैं, एमसीडी को इस सोसाइटी को मेंटेनेंस के लिए दिया हुआ है, लेकिन वो मालिक नहीं है। हमने अपनी सोसाइटी के लोगों की सुरक्षा के लिए ये गेट लगवाए, गेट नहीं होंगे तो आए दिन घरों में घुसकर लूटपाट होगी।

शरण ने कहा कि निगमकर्मी मनगढं़त ऑर्डर लेकर आए, हमें पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया और हमारे कुल 4 गेट तोड़ दिए गए।

वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा, हम ग्रीन पार्क के आरडब्ल्यूए और वहां के लोगों के साथ हैं, हम फिर से ये गेट लगवाएंगे। अगर भाजपा दिल्ली में कहीं भी गेट तोड़ेगी तो आम आदमी पार्टी उन गेटों को लगवाएगी।

आप की तरफ से ये आरोप लगाए गए हैं कि गेटों को तोड़ने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया, तोड़ने का कोई कारण भी नहीं बताया गया, और यह भी नहीं बताया गया कि निगम किस कानून के तहत यह सब कर रहा है।

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