नई दिल्ली, 14 जून । दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को कहा कि उसने अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी में संलिप्त पंकज उपाध्याय को गिरफ्तार किया है, जिसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा), मोनिका भारद्वाज ने कहा, उपाध्याय को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से गिरफ्तार किया गया है। उसे वर्तमान में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) द्वारा दर्ज एक मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है।
उपाध्याय को 2014 में विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार किया गया था और 2018 तक वह न्यायिक हिरासत में रहा और इस दौरान उसे उसकी पत्नी की चिकित्सा स्थिति के कारण एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी। हालांकि उसके बाद उसने सरेंडर नहीं किया और तब से वह फरार था। बाद में उसकी गिरफ्तारी को लेकर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया।
भारद्वाज ने कहा कि उसके ठिकाने का पता लगाने के लिए एक टीम उत्तर प्रदेश में उनके पैतृक गांव भेजी गई थी। स्थानीय पूछताछ और खुफिया जानकारी के आधार पर, टीम ने उसका मोबाइल नंबर प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की और तकनीकी निगरानी के माध्यम से पता चला कि वह वहीं रह रहा था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि 10 जून को उसके निवास स्थान के पास जाल बिछाया गया था और 12 जून को वह एक कार में अपने गांव से निकलते पाया गया था।
भारद्वाज ने कहा, उसे रोक लिया गया और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह पुलिस को देखते ही अपनी बोलेरो कार से कूद गया और भागने लगा। टीम ने कुछ देर पीछा करने के बाद आरोपी को पकड़ लिया, मगर इसका पता चलते ही स्थानीय ग्रामीणों और उसके जानने वाले लोग मौके पर जमा हो गए और उन्होंने आरोपी को हिरासत से भागने में मदद की और आरोपी वहां से भागने में कामयाब भी रहा। हालांकि पुलिसकर्मियों ने उम्मीद नहीं खोई और वे एक बार फिर से उपाध्याय का पीछा करने लगे और इस बार उन्हें एक घर में बंद करने में कामयाब रहे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ड्रग्स से जुड़े मामलों में वांछित है और पहले वह बरेली के आसपास जावेद के निर्देश पर कम मात्रा में ड्रग्स की आपूर्ति करता था। वह 2003 में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 10 किलो हेरोइन के साथ पकड़ा गया था, जिसे वह यूपी के गजरौला में देने वाला था। उस वक्त उसने बड़ी चतुराई से अपने आपको पंकज शर्मा नामक व्यक्ति के तौर पर पेश किया और वह उसी नाम से दस्तावेज हासिल करने में भी कामयाब रहा था। तब वह 2009 तक न्यायिक हिरासत में रहा था।
Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.