दिल्ली: सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए ई-टेबलेट

   

नई दिल्ली, 3 दिसंबर । एक नई पहल के अन्तर्गत दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों को ई-टेबलेट दिए गए हैं। दिल्ली में ग्यारहवीं कक्षा के 1902 स्टूडेंट्स को ई-टेबलेट दिए जा रहे हैं। दिल्ली के पचास स्कूलों के एक-एक विद्यार्थियों को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने तीनों कंपनियों के सीईओ की मौजूदगी में ई-टेबलेट सौंपे।

सिसोदिया ने बच्चों को ई-टेबलेट देते हुए इसे कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, आने वाले समय में कल कोरोना की वैक्सीन तो बन जाएगी, लेकिन आज शिक्षा के होने वाले नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से नहीं हो सकती। इसीलिए दिल्ली सरकार की कोशिश है कि इस नुकसान को कम से कम करें।

सिसोदिया ने कहा कि स्कूल बंद होने के कारण दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के भरपूर प्रयास किए गए। लेकिन जिन बच्चों के पास साधन नहीं, उन्हें शिक्षा से जोड़े रखना बड़ी चुनौती है।

कोरोना संकट के कारण दिल्ली सरकार के पास इस साल फंड्स की कमी है। इसीलिए विभिन्न कंपनियों से सीएसआर फंड के तहत बच्चों की मदद का आग्रह किया गया। टाटा पावर ने 1059, बीएसईबी राजधानी पावर ने 543 और बीएसईबी यमुना पावर ने दिल्ली के छात्रों को 300 टेबलेट दिए हैं।

दिल्ली सरकार ने अन्य कंपनियों से भी बच्चों की ऑनलाइन लर्निग में सपोर्ट का आह्वान किया। सरकार के मुताबिक ये टेबलेट्स सिर्फ 1902 बच्चों की जरूरतों को पूरा करते हैं। अभी बहुत सारे बच्चों को इसकी जरुरत है।

सिसोदिया ने बच्चों से कहा कि ये टेबलेट आपके सपनों को सच करने का टूल हैं। आप अपनी पढ़ाई के लिए इसका प्रयोग करें और परीक्षा के बाद स्कूल को लौटा दीजिए, ताकि अन्य जरूरतमंद बच्चों के काम आए।

ई-टेबलेट पाने वालों बच्चों ने इसे अपनी शिक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। एक छात्रा रजनी ने कहा, हम तीन भाई-बहन हैं। पापा सुबह चले जाते हैं और रात को वापस आते हैं। उस बीच मम्मी का फोन हमारे पास होता है। कई बार हम तीनों की क्लास एक ही टाइम पर होती है। ऐसे में हमें अपनी पढ़ाई में बहुत दिक्कत होती है। अब यह टैब बहुत मदद करेगा।

अशोक विहार फेज 2 के छात्र सत्यम ने कहा, हमारे घर में केवल एक फोन है। सबलोग उसी से काम चलाते हैं। कई बार फोन खराब हो जाता है, क्लासेज छूट जाती हैं। हमें दूसरों से फोन मांगना पड़ता है। अब टैब मिलने से हमें बहुत मदद मिली है।

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