दिल्ली सरकार और विधी मिलकर सुधारेंगे राजधानी की हवा

   

नई दिल्ली, 3 दिसंबर । दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसीडी) और सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी (विधी) ने दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की है।

तीन दिसंबर को हुए इस एमओयू के अनुसार, दोनों संस्थान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नीति और कानूनी सुधारों का सुझाव देने और उनका विश्लेषण करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन, दिल्ली सरकार का एक थिंक-टैंक है। यह दिल्ली के सामने आने वाली महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों के लिए स्थाई और जन-केंद्रित समाधान खोजने में सरकार को सलाह देता है। विधी एक स्वतंत्र थिंक टैंक है, जो जनता की भलाई के लिए बेहतर कानून बनाने और शासन में सुधार करने के लिए कानूनी शोध करता है। नीति-निर्माण को सूचित करने और नीति को कानून में प्रभावी रूप से परिवर्तित करने के लिए विधी भारत सरकार, राज्य सरकार, न्यायपालिका और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ मिल कर काम करता है।

विधी, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नीति और कानूनी सुधारों को लेकर सुझाव देने का काम करेगा। इसके अलावा, विधी अदालतों और अधिकारियों की ओर से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण को लेकर पारित विभिन्न दिशा-निर्देशों के विश्लेषण में डीडीसीडी की मदद भी करेगा।

इस अवसर पर डीडीसीडी के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा, दिल्ली सरकार ने नवीन समाधानों से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अभूतपूर्व राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई है। जैसे कि ऑड-ईवन को लागू करना, ईवी नीति को विश्व स्तर पर लॉन्च करना और पराली जलाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए पूसा के साथ मिलकर बायो-डीकंपोजर का समाधान दिया है। हम विधी के सहयोग से दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आने वाले दिनों में नए समाधानों पर काम करने की उम्मीद करते हैं।

इस अवसर पर विधी की संस्थापक अरग्या सेनगुप्ता ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से विधि वायु प्रदूषण के मुद्दे पर काम कर रहा है। 2017 में एक व्यापक रिपोर्ट दिल्ली की हवा को साफ करना प्रकाशित की गई थी। खुशी है कि दिल्ली सरकार के पास वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठाने की राजनीतिक इच्छा है।

उन्होंने वायु प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों के लिए प्रभावी समाधान खोजने के लिए डेटा के उपयोग पर जोर दिया।

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