दिल्ली HC ने सफूरा जरगर की ज़मानत याचिका पर सुनवाई कल तक के लिए स्थगित की

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा आग्रह किए जाने के अनुरोध के बाद सफूरा ज़रगर की ज़मानत याचिका पर सुनवाई 23 जून तक के लिए स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति राजीव शकधर की एकल पीठ ने मामले को स्थगित करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश के साथ तैयार होकर आने के लिए कहा।

ज़रगर के लिए पेश हुईं सुश्री नित्या रामकृष्णन ने शुरुआत में यह कहकर स्थगन के अनुरोध का विरोध किया कि यह मामला गर्भवती होने के बावजूद जेल में बंद एक महिला की मेडिकल स्थिति से संबंधित है।

10 अप्रैल को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार की गई सफूरा ज़रगर ने ट्रायल कोर्ट से अपनी ज़मानत खारिज होने के 4 जून के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ट्रायल कोर्ट ने जरगर को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था।

ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि

“जब आप अंगारे के साथ खेलना चुनते हैं, तो आप हवा को दोष नहीं दे सकते कि चिंगारी थोड़ी दूर तक पहुंच जाए और आग फैल जाए।”

ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि जांच के दौरान एक बड़ी साजिश की जांच की गई और अगर किसी साजिशकर्ता द्वारा किए गए षड्यंत्र, कृत्यों और बयानों के सबूत थे, तो यह सभी के खिलाफ स्वीकार्य है। अदालत ने कहा था कि भले ही आरोपी (जरगर) ने हिंसा का कोई काम नहीं किया था, वह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत अपने दायित्व से नहीं बच नहीं सकती।

साभार – लाइव लॉ