दिल्ली में हुई हिंसा पर संसद में होली के अगले दिन यानी 11 मार्च को चर्चा होगी और गृह मंत्री अमित शाह चर्चा का जवाब देंगे, इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ. इस संवेदनशील मुद्दे पर विपक्ष के दबाव के बावजूद सरकार ने बहस की मांग को होली के बाद के लिए टाल दिया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा था कि बहस के लिए यह उचित समय नहीं है. अब सरकार इस मुद्दे पर छोटी चर्चा के लिए तैयार है जिसके बाद इस मुद्दे पर वोटिंग नहीं होगी.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं विपक्ष सदन की कार्यवाही बाधित किए बिना चर्चा में हिस्सा लेगा क्योंकि ये उनकी ही मांग थी. चूंकि दिल्ली में हालात अब सामान्य हो गए हैं, तो हमें इसमें शामिल होने में कोई आपत्ति नहीं है.’
चर्चा की तारीख की पुष्टि बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा कांग्रेस के सात सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद हुई जिन्हें सदन में हंगामा करने को लेकर बजट सत्र समाप्ति (3 अप्रैल) तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. निलंबित किए गए कांग्रेस सांसदों में से एक गौरव गोगोई ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘सरकार होली के बाद बहस के लिए कह रही है. लेकिन क्या वो परिवार जिन्होंने अपनों को खोया है, होली मना सकेंगे? जिस पुलिसकर्मी की मौत हुई उसके परिवार का क्या होगा?’
विपक्षी सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में नोटिस देकर नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार दिनों तक हुई हिंसा पर चर्चा की मांग की थी.
इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई जबकि दंगाइयों ने बड़ी संख्या में घरों, दुकानों और स्कूलों में तोड़फोड़ व आगजनी की.
गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया. शुक्रवार को पांचवे दिन लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे की वजह से 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. सत्र की शुरुआत ही दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के साथ हुई थी. लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस के सात सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के बावजूद शुक्रवार को भी दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा कम नहीं हुआ. इस क्रम में शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में हंगामे की जांच के लिए कमेटी गठित की गई, जिसमें सभी दलों के नेता शामिल होंगे. इस बीच राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की वजह से 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा में गठित कमेटी दो से पांच मार्च के बीच हंगामे की जांच करेगी