दुनिया के मुस्लिम देश रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कितना है गंभीर?

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ईरान ने रोहिंग्या मुसलमानों के संकट के समाधान के लिए सहयोग की बात कही है। ईरान के राजदूत ने म्यांमार में इस देश के अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता मंत्री के साथ भेंट में रोहिंग्या मुसलमानों के संकट के समाधान में हर प्रकार के सहयोग की घोषणा की है।

थाईलैण्ड में ईरान के राजदूत मोहसिन मुहम्मदी ने म्यांमार में इस देश के अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता मंत्री के साथ भेंट की। दोनो पक्षों ने म्यांमार के राख़ीन प्रांत के रोहिंग्या मुसलमानों के संकट के बारे में विचार-विमर्श किया। इस भेंटवार्ता में ईरान के राजदूत मोहसिन मुहम्मदी ने कहा कि राख़ीन प्रांत का रोहिंग्या संकट ईरान के लिए बहुत दुख का विषय है।

उन्होंने कहा कि तेहरान, इस संकट के आरंभ से ही इसके समाधान का पक्षधर रहा है। उन्होंने कहा कि हम पहले भी इसके समाधान के लिए सहकारिता करने की घोषणा कर चुके हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, ईरान के राजदूत ने कहा कि हम किसी भी स्थति में इस समस्या को मुसलमानों और बौद्ध अतिवादियों के बीच का धार्मिक झगड़ा नहीं समझते। उन्होंने कहा कि ईरान का यह मानना है कि इस संकट के समाधान के लिए इसकी जड़ों में जाना होगा।

इस भेंटवार्ता में म्यांमार के अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता मंत्री के ने कहा कि राख़ीन प्रांत की स्थिति अब भी बहुत ही संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि निर्धन्ता और सांस्कृतिक समस्याओं ने रोहिंग्या संकट को अधिक जटिल बना दिया है।

उन्होंने ईरान के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों की स्वदेश वापसी इस संकट का मुख्य विषय है। म्यांमार के अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता मंत्री ने बताया कि रोहिंग्या मुसलमानों की स्वदेश वापसी के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्रसंघ और बांग्लादेश के साथ समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके व्यवहारिक होने में कुछ उल्लंघनों की भूमिका है।