बीजिंग, 2 अप्रैल । इस साल एक जुलाई को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की स्थापना की सौवीं वर्षगांठ है। इस अहम घड़ी को मनाने के लिए चीन में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं । चीन में रहने वाले विदेशी नागरिकों की नजर में विश्व में सब से ज्यादा आबादी वाले देश का नेतृत्व करने वाली सीपीसी की क्या विशेषताएं हैं और चीन के लिए उस का मुख्य योगदान क्या है । इन सवालों को लेकर हाल ही में सीएमजी के हिंदी विभाग के संवाददाता ने पेइचिंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय में कार्यरत भारतीय अध्यापक विकास कुमार सिंह के साथ एक खास बातचीत की ।
विकास कुमार सिंह ने चीन में करीब दस साल बिताए हैं और चीन के आधुनिक इतिहास की डॉक्टर डिग्री प्राप्त की थी ।उन्होंने बताया कि अगर तीन शब्दों में सीपीसी का वर्णन किया जाए ,तो वो है -दूर²ष्टि ,ज्यादा काम और ²ढ़ निश्चिय। यही सीपीसी की बड़ी सफलता का राज भी है । सीपीसी के नेतृत्व में ही चीन दुनिया के तमाम महान शक्तियों की पंक्ति में खड़ा है ।
विकास ने बताया कि सीपीसी को बेहतर तरीके से जानने के लिए उस के इतिहास पर नजर डालना चाहिए । जुलाई 1921 में सीपीसी की स्थापना हुई । स्थापना से वर्ष 1949 तक सीपीसी को आंतरिक और बाहरी शक्तियों के साथ काफी संघर्ष करना पड़ा । लेकिन इस संघर्ष के बावजूद उसे सफलता मिली।
महान नेता माओ त्सोतुंग के नेतृत्व में नये चीन की स्थापना हुई । तब से ही सीपीसी देश की प्रगति और जनता के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है । अगर हम संक्षिप्त शब्दों में उस की उपलब्धियों को व्यक्त करना चाहते हैं ,तो पहला है दूर²ष्टि । वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद सीपीसी ने एक दूरगामी लक्ष्य निर्धारित किया था । तब से ही उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वह जोरदार तरीके से काम कर रहे हैं। अगर दूसरे शब्दों में कहें ,तो काम अधिक बातें कम । विकास कहते हैं जब मैं छोटा था ,भारत में मैं ने यह नारा सुना था। सीपीसी में शायद यह नारा नहीं लगाया गया ,लेकिन वह लगातार जनता की भलाई के लिए करती आ रही है ।तीसरे शब्दों में अगर कहें ,तो ²ढ़ निश्चय ।कई दशकों तक सीपीसी ने ²ढ़ निश्चय के साथ काम किये और आज उस का फल मिला है ।चीन दुनिया की तमाम शक्तियों के साथ उसी पंक्ति में खड़ा हैं ,जहां से होना चाहिए था ।
खुद के अनुभव की चर्चा में विकास ने बताया कि वे वर्ष 2007 में पहली बार चीन आये । तब से वे चीन के बहुत से क्षेत्रों में जा चुके हैं ।चीन में किसी भी दूरदराज गांव जाए ,तो वहां पक्की सड़क ,बिजली ,स्वच्छ पानी की व्यवस्था भरपूर तरीके से मिलेगी ।चीन ने अब अति गरीबी दूर की है । यह एक बड़ी उपलब्धि है ।भारत गरीबी उन्मूलन में चीन के अनुभवों से सीख सकता है ।दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं ।
उन्होंने कहा कि पिछले 15 व 20 वर्षों में चीन का यातायात विकास बहुत तेजी से हुआ है ।बुलेट ट्रेन की व्यवस्था स्थापित हुई है ।पेइचिंग और शांगहाई के बीच 1400 से अधिक किलोमीटर दूरी है ।अगर आप पेइचिंग से शांगहाई जाना चाहते हैं ,तो रेलवे से सिर्फ पाँच घंटे लगते हैं ।इस संदर्भ में चीन ने बहुत जबरदस्त सफलता हासिल की है । इस के अलावा चीनी लोगों की आर्थिक स्थिति में काफी इजाफा हुआ है ।महंगाई थोड़ी है ,लेकिन लोगों को रोजगार मिलने की अपार संभावनाएं भी हैं ।लोगों का जीवन अच्छे से अच्छा हो रहा है ।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
— आईएएनएस
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