धर्म- जाती के नाम पर वोट मांगने के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर!

   

चुनावी रैलियों में लुभावने वादों के साथ-साथ पार्टियां जाति और धर्म का वास्ता देकर भी वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करती हैं। हालांकि बात तब बिगड़ जाती है जब अपनी जाति और धर्म को ऊपर उठाने के लिए नेता और पार्टियों के प्रवक्ता दूसरों के धर्म को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।

इसी से संबंधित एक याचिका ( PIL ) सुप्रीम कोर्ट ( SC ) में दायर की गई, जिसपर शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में निर्वाचन आयोग को साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी राजनीतिक दल के प्रवक्ता या प्रतिनिधि अगर अपने भाषण में या मीडिया को दिए बयान में किसी धर्म जाति को लेकर विवादित या भड़काऊ टिप्पणी करते हैं, तो उनकी पार्टी पर कार्रवाई की जाए।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, कोर्ट ने आयोग को ऐसे मामले में पार्टी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी है। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने अगले सोमवार तक आयोग से इस संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा है।

दूसरी ओर, शीर्ष अदालत ने वकील अनुजा कपूर की ओर से दायर PIL पर किसी तरह की मध्यस्तथा करने से इनकार कर दिया है। इस याचिका में कोर्ट से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य नेटवर्किंग साइटों पर नकली समाचारों के प्रसार और प्रकाशन पर रोक लगाने से संबंधित नियम बनाने के लिए दिशा-निर्देश देने की अपील की गई थी।