नगालैंड मामले के मुख्य वार्ताकार ने भारत में विलय की संभावना से इनकार किया

   

कैंप हेब्रॉन (नगालैंड) : नगालैंड मामले के मुख्य वार्ताकार संगठन एनएससीएन (आईएम) ने भारत में विलय की संभावना से इनकार किया है। एनएससीएन (आईएम) के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा ने कहा है कि वह न कभी भारत का हिस्सा थे और न आगे कभी होंगे। साथ ही उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि फ्रेमवर्क समझौते में ‘समावेश’ शब्द की गलत व्याख्या की गई थी जिसमें शांति वार्ता को जल्द से जल्द संपन्न करने के साथ अक्टूबर तक दशकों पुराने विवाद का हल निकाला जाना था।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एनएससीएन (आईएम) के 86 साल के नेता ने कहा, ‘हम कभी भारत का हिस्सा नहीं थे और न ही कभी होंगे। अगर अंतिम हल यह है कि नगा भारतीय संघ में शामिल हो तो क्षमा कीजिए, हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’ मुइवा ने शांति वार्ता में बाधा उत्पन्न होने के लिए केंद्र सरकार पर समावेश की गलत व्याख्या को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘इसका क्या मतलब था कि जिन बिंदुओं पर सहमति बन रही है उसे समाधान में शामिल किया जाए। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी नगा लोगों को भारत संघ में शामिल किया जाएगा। इस बारे में NSCN-IM में कोई भ्रम नहीं है।’

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागालैंड के राज्यपाल एन रवि को शांति वार्ता को जल्द संपन्न कराने के निर्देश के बाद एनएससीएन (आईएम) ने भारत के संविधान को मानने से इनकार कर दिया है। एनएससीएन (आईएम) ने बुधवार को नागालैंड के भारत में विलय को भी खारिज कर दिया। गौरतलब है कि साल 1997 से नागा मुद्दों को लेकर भारत सरकार एनएससीएन (आईएम) से वार्ता कर रही थी।