“नफरत की राजनीति को शिकस्त दो”: देश भर में मनाया गया पाॅपुलर फ्रंट डे!

   

पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया के सदस्यों एवं समर्थकों ने 17 फरवरी को देश भर में पाॅपुलर फ्रंट डे मनाया। यह इस आंदोलन की 12वीं सालगिरा थी। इस दिन यूनिट स्तर पर यूनिट के सदस्यों ने सुबह सवेरे झण्डारोहण के बाद मिठाईयां बांटकर इस जश्न की शुरूआत की।

उसके बाद ‘‘नफरत की राजनीति को शिकस्त दो’’ के नारे के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें वालंटियर परेड, पब्लिक मार्च, जनसभा, सेमिनार और रक्तदान शिविर शामिल हैं। इसके अलावा देश के अलग अलग हिस्सों में विशाल जनसभाएं भी आयोजित की गईं, जिनमें महिलाओं और बच्चों सहित हज़ारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।

चेयरमैन ई. अबूबकर ने कालीकट जिला के नदापुरम में यूनिटी मार्च के तहत आयोजित वालंटियर परेड की सलामी कबूल की और जनसभा का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत सरकार से कहा कि वह पुलवामा में सेना पर हुए भयानक हमले का सस्ती रजनीति के लिए दुरूपयोग न करे।

उन्होंने कहा कि पाॅपुलर फ्रंट 30 साल के लंबे सफर के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरते हुए वापस अपनी शुरूआती जगह को देखने के लिए आ गया है। इसी सरज़मीन पर पाॅपुलर फ्रंट की शुरूआती शक्ल एनडीएफ का जन्म हुआ था। हमें यक़ीन है कि हमने इन 30 सालों में इस रास्ते में आने वाले किसी भी तूफान के आगे इस चिराग की हल्की रोशनी को बुझने नहीं दिया है और आज यह एक जगमगाता सूरज बनकर चमक रहा है। इस अवसर पर मैं अपने भाईयों और बहनों विशेषकर उन शहीदों की कुर्बानियों को याद करता हूं जिन्होंने इस रास्ते में अपनी जान की बाज़ी लगा दी।

जब संघ परिवार ने बेगुनाहों पर अपने अपराधी गिरोहों को खुली छूट दे रखी थी, उस समय यह संगठन उनके खिलाफ लोगों के बचाव के लिए वहां खड़ा हुआ। लेकिन केवल संघ परिवार मुसलमानों, दलितों और हाशिये पर डाल दिये गए लोगों की मुसीबतों का एकमात्र कारण नहीं है। बल्कि गरीबी, बीमारी और निरक्षरता भी उनके जीवन के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैैं। इसलिए संगठन ने इस मैदान में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। हमने गरीबी से बदहाल गांवों को गोद लिया और उन्हें सशक्तिकरण के रास्ते पर लगाया।

प्रदेश महासचिव सी.पी. बशीर, एड0 रफीक कुट्टिकट्टर वगैरह ने भी जनसभा को संबोधित किया। यूनिटी मार्च और जनसभाएं केरल के अन्य तीन केंद्र मलप्पुरम जिला के एडाकरा, कोट्टयम जिला के एरात्तुपेटा और कोल्लम जिला के पत्थनपुरम में आयोजित किये गए। एडाकरा में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन पाॅपुलर फ्रंट के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य ई.एम. अब्दुर्रहमान ने किया। एरत्तुपेटा में प्रदेश अध्यक्ष नासिरूद्दीन एलामरम और पत्थनपुरम में उप-चेयरमैन ओ.एम.ए. सलाम ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कर्नाटक में दो जगहों पर यूनिटी मार्च निकाले गए। बेंगलौर के होसकोट में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य के.एम. शरीफ ने किया, जिसमें राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमद और प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद साकिब ने भी लोगों को संबोधित किया। शाहपुर, कर्नाटक में पाॅपुलर फ्रंट के प्रदेश महासचिव यासिर हसन ने मार्च और जनसभा का उद्घाटन किया।

बिहार में दो जगहों बिहार शरीफ और पुर्णिया में जनसभा का आयोजन किया गया। आंध्र प्रदेश में दर्जनों जगहों पर जनसभा और झण्डारोहण के कार्यक्रम आयोजित किये गए। नंदयाल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आॅफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव महबूब अवाज़ शरीफ ने किया, जिसमें पाॅपुलर फ्रंट के जोनल अध्यक्ष अशरफ पाशा, टी.डी.पी. प्रदेश सचिव श्रीधर रेड्डी, समाचार हक्कोला परिरक्षण समीति ए.पी. के महासचिव एन.के. जयन्न और पाॅपुलर फ्रंट के प्रदेश महासचिव अब्दुल्लतीफ ने भी अपने विचार रखे। येम्मीगनूर में एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल वारिस ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

राजस्थान के टोंक जिले में आयोजित रैली और जनसभा का उद्घाटन जमीअते उलेमा-ए-हिंद के लीडर मुफ्ती आदिल आमिर ने किया। सामाजिक कार्यकर्ता जावेद बाॅक्सर, कांग्रेस के प्रदेश नेता मोहसिन शैख़ आदि ने सभा को संबोधित किया। नई दिल्ली के शाहीन बाग में भी झण्डारोहण और जनसभा का आयोजन किया गया।

पाॅपुलर फ्रंट के राष्ट्रीय सचिव अब्दुल वाहिद सेठ, एसडीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डाॅ0 तस्लीम अहमद रहमानी, पाॅपुलर फ्रंट महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष यूसुफ सादात वगैरह ने पाॅपुलर फ्रंट डे के तहत मुम्बई में आयोजित सेमिनार को संबोधित किया। इसके अलावा मणिपुर, पश्चिम बंगाल, असम और गोवा में भी जनसभाओं का आयोजन किया गया।

पाॅपुलर फ्रंट के खिलाफ सरकारों की दमनकारी कार्यवाईयों और कुछ मीडिया द्वारा संगठन को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बावजूद, सभी प्रोग्रामों में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। लोगों का जोश और उत्साह इस बात का सबूत है कि वे संगठन के सशक्तिकरण और फासीवाद के खिलाफ लड़ाई के पैगाम का समर्थन करते हैं।

यह कार्यक्रम संगठन के विकास और विस्तार को रोकने की तमाम कोशिशों के लिए चेतावनी भी साबित हुए कि ऐसा करने वाले लोग इतनी आसानी से अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकते।