नरेश गोयल व उनकी पत्नी की जेट एयरवेज से दिया इस्तीफा !

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वित्तीय संकट से जूझ रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन जेट एयरवेज के निदेशक बोर्ड से नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल की  विदाई तय हो गई है। इसके संबंध में फैसला एयरलाइन के बोर्ड की बैठक में लिया गया। अब जेट एयरवेज को कर्जदाताओं से 1500 करोड़ रुपये का फंड तुरंत मिल जाएगा। इसके बाद समाचार लिखे जाने के समय तक इसका शेयर बांबे शेयर बाजार में 12.69 फीसद बढ़ गया। गोयल के इस्तीफे से जेट एयरवेज के संकट से उबरने की उम्मीद बन गई है। गोयल एयरलाइन के चेयरमैन का भी पद छोड़ देंगे। रेजोल्यूशन प्लान के लिए कर्जदाताओं के साथ एक बैठक हुई।

एतिहाद का प्रतिनिधि भी देगा इस्तीफा

एयरवेज ने इस फैसले की सूचना स्टॉक एक्सचेंजों को दी है। दरअसल कर्जदाताओं ने एयरलाइन को आपातकालीन मदद के तौर पर कोई कर्ज देने से पहले गोयल के इस्तीफे की मांग की थी।
गोयल व उनकी पत्नी के अलावा एतिहाद एयरवेज के एक प्रतिनिधि ने भी इस्तीफा देने का फैसला किया है। एतिहाद के पास जेट एयरवेज की 24 फीसद हिस्सेदारी है।

कर्जदाताओं ने रखी थी इस्तीफे की शर्त

जेट एयरवेज पर 8000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। एयरलाइन को दिवालिया होने से बचाने के लिए उसे नकदी की जरूरत है। बैंकों ने पिछले हफ्ते संकेत दिए थे कि जेट के मैनेजमेंट में बदलाव होने पर वे एयरलाइन में और नकदी लगा सकते हैं।

वित्तीय संकट से प्रभावित हो रहा था परिचालन

एयरलाइन की वित्तीय हालत इतनी खस्ता है कि उसके पायलट और इंजीनियर्स को तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है। पायलटों ने 31 मार्च तक वेतन नहीं मिलने पर एक अप्रैल से उड़ान नहीं भरने की चेतावनी दी है। पिछले हफ्ते यह खबर आई कि सरकार ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे जेट एयरवेज को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करें। बैंकों ने संकेत दिए थे कि जेट के मैनेजमेंट में बदलाव होने पर वे ऐसा कर सकते हैं।
लीज रेंट नहीं चुका पाने की वजह से जेट के 54 विमान खड़े हो चुके हैं। एयरलाइन ने पिछले हफ्ते 13 अंतरराष्ट्रीय रूट पर अप्रैल अंत तक के लिए उड़ानें रद करने का ऐलान किया था। सात अंतरराष्ट्रीय रूट पर उड़ानों की संख्या पहले ही कम की जा चुकी है।

सरकार नहीं चाहती थी जेट दिवालिया हो

एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर जेट एयरवेज दिवालिया होती है तो 16,500 लोगों की नौकरी जा सकती है। सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा नहीं चाहती है। इससे सरकार की साख को नुकसान हो सकता है।

वित्तीय तंगी के बावजूद रियायत देने से पैदा हुआ संकट

नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने फुल सर्विस एयरलाइन जेट एयरवेज की स्थापना 25 साल पहले 1993 में की थी। एतिहाद एयरवेज की जेट में 24% की हिस्सेदारी है। बीते कुछ सालों में दूसरी एयरलाइन से प्रतिस्पर्धा में जेट ने किराए कम किए। लुभावने ऑफर पेश किए जबकि उसे उतना मुनाफा नहीं हो रहा था। ब्रेंट क्रूड की कीमत में पिछले साल भारी उछाल आया। इसलिए जेट का परिचालन खर्च बढ़ गया। डॉलर के मुकाबले रुपया भी पिछले साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। इसलिए, एयरलाइन का विदेशी मुद्रा खर्च बढ़ गया। इन वजहों से जेट को 2018 की तीन तिमाही (जनवरी-मार्च, अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर) में कुल 3,620 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।