नए नागरिकता कानून का विरोध कर सुर्खियों में आए आईआईटी मद्रास के एक जर्मन छात्र को देश छोड़ना पड़ा है. खबरें हैं कि जैकब लिंडेनथल को पिछले हफ्ते सरकार विरोधी एक प्रदर्शन में शामिल होने के चलते आव्रजन विभाग से चेतावनी मिली थी. जैकब ने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं. इनमें वे कुछ नारे लिखी तख्तियां लिए दिख रहे थे. इनमें से एक तख्ती पर लिखा था, ‘1933 से 1943 तक हमने भी ये दौर देखा है.’
चेन्नई में आव्रजन आधिकारियों ने जर्मन छात्र जैकब को बताया था कि इस तरह विरोध प्रदर्शन में शामिल होना वीजा नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. इस बारे में उन्होंने कहा ‘अधिकारियों ने मेरे राजनीतिक विचारों को लेकर काफी सवाल पूछे. फिर मुझे इसके (भारत छोड़ने) बारे में बताया गया.’ जैकब लिंडेनथल के मुताबिक अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे आधी रात से पहले भारत छोड़ दें. उनका आगे कहना था, ‘मैं शनिवार-रविवार को बेंगलुरू में था. मेरे कोऑर्डिनेटर ने मुझे (सोमवार को) बताया कि मुझे आव्रजन विभाग जाना होगा. मैं वहां गया तो मुझे देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया. यह दोपहर दो बजे के करीब हुआ और मुझे तीन बजे तक आईआईटी मद्रास का कैंपस छोड़ना पड़ा. अब मैं अपने वकीलों से बात करके आगे क्या करना है, इस बारे में फैसला लूंगा.’