निकाह कराने वाली पहली महिला काजी बोलीं- कुरान में सब एक हैं

,

   

नई दिल्ली : देश में कुछ ही महिला काजी हैं लेकिन निकाह करवाने वाली हाकिमा पहली महिला काजी बनीं। लेकिन हाकिमा खातून का सफर आसान नहीं था। काजी हाकिमा खातून ने इस साल जनवरी में निकाह कराया था।

हाकिमा खातून का सफर आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें समाज की तमाम बंदिशों को तोड़कर सामने आना पड़ा। इस साल जनवरी में हाकिमा ने एक मुस्लिम कपल का निकाह कराकर इतिहास रचा। वैसे तो देश में कुछ ही महिला काजी हैं लेकिन निकाह करवाने वाली हाकिमा पहली महिला काजी बनीं। निकाह करने वाले कपल शेमॉन अहमद और माया राचेल महिला काजी से अपना निकाह पढ़वाना चाहते थे। उन्हें भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) की वेबसाइट से पता चला कि वे महिला काजियों को ट्रेनिंग देते हैं।

महिला काजियों को ट्रेनिंग देने का काम करता है भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए)। यह देश में 16 महिला काजियों को ट्रेनिंग दे चुका है और यह काम बखूबी जारी है। ट्रेनिंग में महिलाओं को इस्लाम का इतिहास, भारतीय संविधान, इस्लाम की परंपराओं और मूल्यों की शिक्षा दी जाती है। संस्था की को-फाउंडर नूरजहां साफिया नियाज कहती हैं कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि महिला काजी से निकाह के लिए कपल्स आगे आएं।