नेपाल के PM ओली बोले- असली अयोध्या भारत में नहीं नेपाल में है

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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में है. इस बीच उन्हें राम की याद आई है और उन्होंने इसी को लेकर बेतुका दावा किया है. उन्होंने कहा कि असली अयोध्या नेपाल में है, न की भारत में. उन्होंने कहा, ”भगवान राम नेपाली हैं, भारतीय नहीं.”

ओली के इस दावे पर नेपाल में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”किसी भी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का आधारहीन और अप्रामाणित बयान देना उचित नहीं है. ऐसा लगता है कि पीएम ओली भारत और नेपाल के रिश्ते और बिगाड़ना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए.”

भारत विरोधी टिप्पणियों और कामकाज की शैली को लेकर ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही है. यही नहीं एनसीपी के ज्यादातर नेताओं का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में ओली सरकार नाकाम रही है.

क्या है नेपाली पीएम का तर्क?

नेपाल की अयोध्या (ayodhya nepali ) के बारे में बताते हुए ओली ने कहा कि भारत की अयोध्या को लेकर कई तरह के विवाद हैं, लेकिन नेपाल की अयोध्या को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने अगला तर्क दिया कि अगर जनकपुर नेपाल में था और अयोध्या मध्य उत्तर प्रदेश में, तो कैसे किसी राजकुमार को पता चला होगा कि कहीं एक राजकुमारी विवाह योग्य है जबकि संचार सुविधाएं तब थी नहीं। इसलिए ये संभव है कि राम और सीता की शादी नेपाल में हुई हो क्योंकि दोनों नेपाल में ही आसपास के क्षेत्रों में थे।

 

इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंडित ने राजा दशरथ के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ नेपाल स्थित रिदि में किया था इसलिए राम नेपाल की अयोध्या में ही जन्मे थे। दशरथ नेपाल के राजा थे इसलिए भी राम के नेपाल के होने में कोई संदेह नहीं है।

कहां है नेपाल की अयोध्या ?

नेपाल की जिस अयोध्या को वहां के वज़ीर-ए-आज़म ने भगवान राम की जन्म भूमी बताया है वे बीरगंज जिले के अंदर आती है। ये जगह बिहार से जुड़ने वाली नेपाल सीमा के पास मौजूद है। गेटवे ऑफ नेपाल के नाम से मशहूर जो बॉर्डर बिहार के रक्सौल से जुड़ता है, वह बीरगंज की ही सीमा है।

पुख्ता नहीं है ओली का दावा

दरअसल, नेपाल के PM के दावे के बाद उन्हीं के देश के एक पोर्टल रिपब्लिका के नक्शे की तस्वीर प्रकाशित की है। इस तस्वीर में प्राचीन भारत के काशी, मगध, पांचाल के बीच अयोध्या नामक स्थान को नेपाल सीमा के पास दर्शाया गया है। इसके साथ ही, इन्हीं स्थानों के बीच सरयू नदी के प्रवाह और अयोध्या के पास मिथिला को भी इस नक्शे में बताया गया है।

इस नक्शे में जहां अयोध्या और मिथिला का ज़िक्र किया जा रहा है, लगभग उसी जगह वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या की लोकेशन मिलती है। ओली के दावे वाली अयोध्या को बिहार बॉर्डर के पास होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं है।