
नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गठित समिति द्वारा जागरूकता अभियान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और जितने भी उच्च शैक्षणिक संस्थान विश्वविद्यालय परिसरों और स्कूलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस अभियान में ये प्रयास रहेगा कि जिले में जो युवा तंबाकू का सेवन करते हैं, उन्हें इससे छुटकारा दिलाया जाए।
नशा मुक्त भारत अभियान के लिए गठित जिला स्तरीय समिति कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्य करेगी। जिनमें आश्रित आबादी की पहचान, अस्पतालों और पुनर्वास केंद्रों में परामर्श और उपचार सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करना, सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
जिले के स्कूलों और कॉलेजों में छात्र, शिक्षक और अभिभावकों को इस अभियान के बारे में जागरूक किया जाएगा, वहीं तंबाकू से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। कॉलेजों में छात्र क्लबों का गठन किया जाएगा और जागरूक करने का प्रयास रहेगा। जिले में ऐसे छात्र जो तंबाकू का सेवन ज्यादा करते हैं, उनकी पहचान करके उन्हें उपचार के लिए केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
इस अभियान के तहत किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट की बिक्री पर सख्ती से रोक लगे और युवाओं को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाए साथ ही उन्हें एक सही राह दिखाई जाए। वहीं इस अभियान में कुछ एनजीओ को भी शामिल किया गया है जो कि प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगी।
जिलाधिकारी सुहास ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसमें भारत सरकार के सहयोग से जिले को नशामुक्त करने का प्रयास किया जाएगा और इसमें सबकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
जिले में अभियान के शुभारंभ के मौके पर मुख्य विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और नामित एनजीओ के प्रतिनिधि अरविद तिवारी व दिनेश शर्मा उपस्थित रहे।
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