नई दिल्ली, 10 जून । पंजाब में पार्टी में गुटबाजी को दूर करने के लिए गठित कांग्रेस पैनल ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी।
सूत्रों ने कहा कि पैनल ने पंजाब के मुख्यमंत्री को हटाने की सिफारिश नहीं की है और कैप्टन अमरिंदर सिंह के अगले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने की संभावना है। इसके बजाय, पार्टी की राज्य इकाई में कई सुधारों का सुझाव दिया गया है।
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू का भाग्य अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि पैनल पंजाब कैबिनेट में उनकी बहाली चाहता है। सूत्रों ने कहा कि अमरिंदर सिंह सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ हैं, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए तैयार हैं।
पिछले हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जे. पी. अग्रवाल की अध्यक्षता वाली समिति ने पार्टी के सभी हितधारकों से मुलाकात की। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी तीन सदस्यीय कांग्रेस पैनल से मुलाकात की।
बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था, बैठक अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए थी। ये हमारी पार्टी के भीतर की चर्चा है और मैं इन्हें आपके साथ साझा नहीं कर सकता।
पंजाब कांग्रेस में दरार राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ परगट सिंह के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद सामने आई थी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को पंजाब के नेताओं की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति गठित करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब सिद्धू के नेतृत्व वाले एक समूह ने राज्य नेतृत्व में बदलाव का सुझाव दिया। हालांकि सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह को बदलने (रिप्लेस) करने पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस बिना किसी बड़े बदलाव के, कुछ मामूली समायोजन करके सिद्धू को शांत करना और उन्हें पार्टी में बनाए रखना चाहती है।
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