पणजी में होगा पर्रिकर का अंतिम संस्कार, राजकीय सम्मान से दी जायेगी विदाई

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गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार सोमवार शाम को पणसी के मिरामर में किया जाएगा. बीजेपी एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर का 63 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया था. वह लंबे वक्त से पैन्क्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे.

गोवा के डिप्टी स्पीकर ने शनिवार को जानकारी दी थी कि पर्रिकर की सेहत काफी खराब है और उनका बचना अब मुश्किल है. इस बाद सूत्रों से जानकारी मिली थी कि पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बज कर चालीस मिनट पर हुआ.

आमजन दे सकेंगे श्रद्धांजलि

बीजेपी प्रवक्ता ने बताया कि पर्रिकर का पार्थिव शरीर सोमवार को सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा. इसके बाद पार्थिव शरीर को कला अकादमी ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि आम लोग सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक कला अकादमी में पर्रिकर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे.

पर्रिकर की अंतिम यात्रा शाम चार बजे शुरू होगी. उनकी अंतिम संस्कार शाम करीब पांच बजे मिरामर में किया जाएगा. केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इसके अलावा गोवा सरकार ने 7 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी, केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

सोमवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक होगी, जहां मौन रखकर पर्रिकर को श्रद्धांजलि दी जाएगी. पर्रिकर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. पर्रिकर के अंतिम संस्कार में शामिल होने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी गोवा जाएंगे.

पर्रिकर का सियासी सफर

मनोहर पर्रिकर का राजनीति जीवन सादगी और कई उपलब्धियों से भरा रहा है. वह चार बार गोवा के सीएम रहे. 14 मार्च 2017 को पर्रिकर चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने थे. साल 2000-05 में पहली बार, साल 2012-14 दूसरी बार सीएम बने. जब 2014 में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली बुलाया, उन्हें सबसे अहम रक्षा मंत्रालय का पदभार दिया गया. रक्षा मंत्री बनने के बाद उनका संसद सदस्य बनना जरूरी था और इसके लिए वह यूपी से राज्यसभा सांसद चुने गए थे.