श्रीनगर: राज्य सरकार ने शनिवार को परवेज अहमद को जम्मू एवं कश्मीर बैंक के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया।
परवेज अहमद को चेयरमैन पद से हटाने के कुछ ही घंटे बाद जेके बैंक के श्रीनगर स्थित मुख्यालय में विजिलेंस आग्रेनाइजेशन कश्मीर की छापेमारी ने सनसनी फैला दी है।
शनिवार को जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया, “परवेज अहमद अब बैंक के निदेशक मंडल में नहीं रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप अब वह बोर्ड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के पद पर भी नहीं रहेंगे।”
आदेश में आगे कहा गया, “आर.के. छिब्बर को बोर्ड में निदेशक के रूप में नामित किया गया है और आगे चलकर अंतरिम अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति की जा सकती है। बैंक के कंपनी सचिव को संबोधित आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किया जाता है।”
राज्य सरकार के पास जम्मू एवं कश्मीर बैंक की 59 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
यह एकमात्र निजी क्षेत्र का बैंक है, जो बैंकिंग व्यवसाय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के एजेंट के रूप में नामित है और सीबीडीटी के लिए केंद्रीय करों को इकट्ठा करने के अलावा केंद्र सरकार के बैंकिंग व्यवसाय को देखता है।
बैंक को 1938 में शामिल करके इसे एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध किया गया था।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) के छह महीने बाद यह कार्रवाई हुई, जिसने बैंक को पीएसयू के रूप में मानने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और इसे सूचना के अधिकार के दायरे में लाया गया।
बैंक के सूत्रों ने बताया कि विजिलेंस आग्रेनाइजेशन कश्मीर की टीम ने बैंक में प्रवेश करते हुए फाइनेंस विभाग की फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया और उनकी जांच शुरू कर दी है। बैंक के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है। जांच अभी चल रही है।
सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस आग्रेनाइजेशन कश्मीर को बैंक में बड़े स्तर पर धांधली होने का अंदेशा है। शायद यही वजह है कि इतनी बड़ी कार्रवाई को अंदाज देने से पहले सरकार ने चेयरमैन परवेज अहमद को पद से हटाया और उसके बाद धांधली से संबंधित सबूत जुटाने के लिए यह छापामारी की गई है।