पश्चिम बंगालः बीजेपी नेता की बेटी के अपहरण की कहानी में नया मोड़, पिता हुए गिरफ्तार

   

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक स्थानीय बीजेपी नेता और दो अन्य लोगों को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से उनकी बेटी के अपहरण के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. बीते रविवार को उत्तर दिनाजपुर इलाके से उसे बचाया गया था. न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार सुप्रभात बटियाबाल की बेटी को बीते गुरुवार को बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया गया था. अपहरण की इस घटना ने स्थानीय टीएमसी विधायक मनीरुल इस्लाम की गाड़ी पर हमला करने और उनका पीछा करने के साथ साथ लाबपुर इलाके में तनाव फैला दिया था.

22 वर्षीय लड़की को दल्खोला रेलवे स्टेशन इलाके से बरामद किया 

TMC विधायक ने इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी. उत्तर दिनाजपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में बीरभूम की पुलिस टीम ने 22 वर्षीय उस लड़की को दल्खोला रेलवे स्टेशन इलाके से बरामद किया था. पता चलने के बाद उस लड़की को बचाया गया और दो आरोपियों, राजू सरकार और दीपांकर मंडल को रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. प्रारंभिक जांच के बाद उस लड़की के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने भी बेटी के अपहरण में एक अहम भूमिका निभाई थी.

बटियाबाल ने नकली अपहरण के लिए सरकार और मंडल से कहा था

बीरभूम के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया- हमने आज सुबह दल्खोला से उस लड़की को बचाया है. वह फिलहाल ठीक है और हम उससे बात करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि वास्तव में क्या हुआ था. हमने उस लड़की के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि उन्होंने खुद भी बेटी के अपहरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस अपहरण की घटना को पूर्व-नियोजित बताते हुए सिंह ने कहा कि बटियाबाल ने नकली अपहरण को अंजाम देने के लिए सरकार और मंडल से कहा था. वह उन्हें पहले से जानते थे.

राजनीतिक लाभ हासिल करना भी इसके पीछे का लक्ष्य हो सकता है

अपहरण के पीछे के मकसद के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा- इसके दो पहलू हैं या तो कोई पारिवारिक समस्या है या राजनीतिक लाभ हासिल करना भी इसके पीछे का लक्ष्य हो सकता है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. हम तीनों से पूछताछ कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि सरकार एक राजमिस्त्री है जबकि मंडल इलाके में एक ग्रिल फैक्ट्री में काम करता है. उन्होंने आगे कहा-सरकार और मंडल दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी इलाके के रहने वाले हैं.

एक दिन पहले ही दोनों ने बीजेपी नेता से मुलाकात की थी

दोनों कुछ समय पहले बटियाबाल के घर पर काम कर चुके थे. नकली अपहरण को अंजाम देने से एक दिन पहले ही दोनों ने बीजेपी नेता से मुलाकात की थी. सिंह ने कहा- पड़ोस के लोगों ने बटियाबाल के निवास से कोई चीख-पुकार नहीं सुनी और हमें उस स्थान पर प्रतिरोध का कोई संकेत भी नहीं मिला जहां से लड़की का अपहरण किया गया था. इससे परिवार पर हमारा संदेह बढ़ गया. करीब पांच महीने पहले तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए बटियाबाल को बीते शनिवार रात हिरासत में लिया गया था.

TMC में शामिल होने से पहले वह CPIM के जिला समिति सदस्य थे

जिला पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि उससे पूछताछ करने के बाद ही पुलिस को उसकी बेटी की लोकेशन के बारे में पता चला. टीएमसी में शामिल होने से पहले वह सीपीआईएम के एक जिला समिति सदस्य थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि अपहरण के पीछे टीएमसी समर्थित गुंडे थे. घटना के बाद प्रदर्शनकारियों ने सूरी-कटवा मार्ग को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया था. उन्होंने थाने के सामने भी प्रदर्शन किया था.

साभार- फर्स्ट पोस्ट