पश्चिम बंगाल बीजेपी अब इन मुद्दे को हिन्दुओं के बीच उछालने की कोशिश कर रही है!

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पश्चिम बंगाल बीजेपी को नया मुद्दा मिल गया है, जिसे उपचुनाव में जमकर मुद्दा बनाकर हिन्दुओं के बीच बता रही है।

पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों और ममता बनर्जी सरकार के विकास के प्रयासों को सामने लाने के लिए हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए अलग-अलग घोषणा-पत्र पेश किया है, जबकि भाजपा प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, नवगठित कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन केंद्र और राज्य सरकारों की विफलताओं, आर्थिक संकट और आवश्यक वस्तुओं के मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दे को उछाल रहा है।

यह उपचुनाव अप्रैल-मई के लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए पहला शक्ति परीक्षण होगा।

रणनीति के एक बदलाव में कहा कहा जा रहा है कि यह चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से प्रभावित है, और तृणमूल ने पहली बार उपचुनाव के लिए घोषणापत्र प्रकाशित किया है, वह भी तीनों निर्वाचन क्षेत्रों -खडग़पुर सदर, कालियागंज और करीमपुर के लिए अलग-अलग।

तृणमूल नेताओं के अनुसार, पार्टी भाजपा की ओर से राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करके प्रस्तावित कैब के मुद्दे को उछालकर वोट पाने की योजना पर पानी फेरने के लिए तैयार है।

हालांकि, हर जनसभा में तृणमूल नेता राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मुद्दा उठा रहे हैं और इसका जिक्र कर रहे हैं कि असम में एनसीआर सूची से बाहर 19 लाख लोगों में से लगभग 12-13 लाख हिंदू हैं। लेकिन, तृणमूल के लिए प्रचार अभियान का मुख्य मुद्दा विकास है।