पहलू खान मॉब लिंचिंग पर सीएम अशोक गहलोत का बयान, कहा- न्याय दिलाकर रहेंगे

   

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में आए अलवर जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की बात कही है. सीएम गहलोत ने ट्वीट करके कहा है कि उनकी सरकार मॉब लिंचिंग के शिकार हुए पहलू खान के परिवार वालों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी जाएगी.

अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, “हमारी राज्य सरकार ने अगस्त 2019 के पहले हफ्ते में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाया है. हम पहलू खान के परिवार को न्याय सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राज्य सरकार अतिरिक्त सत्र न्यायालय (एडीजे) एडीजे के फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगी.

दो साल बाद आया फैसलाबता दें कि गौ रक्षकों की एक भीड़ द्वारा पहलू खान को पीट-पीटकर मार दिए जाने के करीब दो साल बाद अलवर सत्र न्यायालय ने बुधवार को मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने इन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. अलवर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश नंबर-1, डॉ. सरिता स्वामी की अदालत में फैसला सुनाया गया.मामले की सुनवाई 7 अगस्त को समाप्त हुई. मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें तीन नाबालिग शामिल हैं, जो पहले से जमानत पर है. पीड़ित के परिवार ने 44 गवाह प्रस्तुत किए.पहलू खान के वकील कासिम खान ने कहा कि मामले की ठीक तरह से जांच नहीं की गई और पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते आरोप पत्र पेश किया. उन्होंने कहा, “हम फैसले का अध्ययन करेंगे और अपनी रणनीति की योजना बनाएंगे.”

हरियाणा के रहने वाले थे पहलू खान पहलू खान (55) हरियाणा के नूह के रहने वाले थे. पिकअप वैन से राजस्थान से हरियाणा मवेशी ले जाने के दौरान भीड़ ने गौ तस्करी के संदेह में पिटाई की, जिसकी वजह से उनकी सरकारी अस्पताल में 3 अप्रैल 2017 को मौत हो गई.इस घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया था. इसमें दिखाई दे रहा है कि पहलू खान को आक्रामक भीड़ पीट रही है. अदालत वीडियो साक्ष्य से स्पष्ट रूप से संतुष्ट नहीं थी.साल 2017 में राजस्थान पुलिस ने पहलू खान द्वारा मौत से पहले बयान में बताए गए छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी. बाकी के तीन आरोपी नाबालिग है और उन पर किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-