पाकिस्तानी कोर्ट ने माता-पिता को दी सिख लड़की से मिलने की इजाज़त

   

 पाकिस्तान की एक अदालत ने सिख लड़की के माता-पिता को लाहौर के संरक्षण गृह में उससे मिलने की अनुमति दे दी। यही नहीं अदालत ने नाबालिग किशोरी का अपहरण कर उसके साथ शादी रचाने के आरोपित मुस्लिम युवक का अनुरोध ठुकरा दिया। लाहौर हाई कोर्ट ने मंगलवार को ननकाना साहिब निवासी जगजीत कौर के माता-पिता और उसके कथित पति मुहम्मद हसन की याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई की। दोनों पक्षों ने संरक्षण गृह में लड़की से मिलने की अनुमति मांगी थी

कौर के परिवार का आरोप है कि हसन ने उनकी लड़की का अपहरण कर पिछले साल सितंबर में उससे जबरन शादी की और धर्मातरण करा दिया। तभी से लड़की कोर्ट के आदेश पर संरक्षण गृह में रह रही है। अदालत के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि हसन की याचिका खारिज कर दी गई है और लड़की के माता-पिता को उससे मिलने की अनुमति दे दी गई है।

जगजीत कौर के परिवार द्वारा वीडियो संदेश के वायरस होने के बाद मामला सामने आया। इसमें कहा गया था कि सितंबर 2019 में आरोपित हसन द्वारा उसका अपहरण कर जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था। इसके बाद जनवरी में हसन के बड़े भाई इमरान चिश्ती ने कथित तौर पर धर्म के नाम पर भीड़ को उकसाया और अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल (गुरुद्वारा जन्मस्थान) को नष्ट करने की धमकी दी।

बता दें कि गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। यहां सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। इसे सबसे पवित्र सिख स्थलों में से एक माना जाता है। इसके बाद पुलिस ने सरकारी कर्मचारी चिश्ती को गिरफ्तार किया और उस पर आतंकवाद निरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। उसने आरोप लगाया कि पुलिस और अधिकारियों ने हसन पर तलाक देने के लिए दबाव डाला गया है ताकि वह अपने माता-पिता के घर लौट सके।