पाकिस्तान में करतारपुर को क्यों शामिल होने दिया गया था : प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विभाजन के दौरान करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को पाकिस्तान में क्यों शामिल होने दिया गया, जबकि यह सीमा के इतना नजदीक था।

यहां गुरु गोविंद सिंह की जयंती के मौके पर 350 रुपये का स्मृति सिक्का जारी करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने करतारपुर गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे तक सिखों के सुचारु आवागमन को सुगम बनाने का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा, “अगस्त 1947 में जो चूक हुई थी, ये उसका प्रायश्चित है। गुरुद्वारा सिर्फ कुछ ही किलोमीटर दूर था, लेकिन उसे भारत में नहीं लिया गया। ये कॉरिडोर उस नुकसान को कम करने का एक ईमानदार प्रयास है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगों की पीड़िता सभी बहनों और माताओं को न्याय मुहैया कराने को सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार उन लोगों तक न्याय को पहुंचाने में जुटी है जो 1984 से अन्याय का शिकार रहे हैं।”

मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने सभी भारतीय दूतावासों से गुरु गोबिंद सिंह का 352वां प्रकाश पर्व मनाने को कहा है।

गुरु गोबिंद सिंह को ‘बहुमुखी व्यक्तित्व’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे सिर्फ योद्धा ही नहीं थे, बल्कि कवि और साहित्यकार भी थे, जिनके मूल्यों को नए भारत की नींव में पाया जा सकता है।