वाशिंगटन : पाकिस्तान में राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रही महिला अधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल किसी तरह से बचकर अमेरिका भाग गई है। यहां इस्माइल ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचार उजागर किया है। पाकिस्तान में महिलाओं, बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाली एक मानवाधिकार कार्यकर्ता, गुलालाई इस्माइल जिसे पाकिस्तान ने छिपकर जीने पर मजबूर कर दिया था। फिलहाल, इस्माइल ने अमेरिका में शरण ली हुई है। ये पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने वाला एक और उदाहरण है। इस्लामाबाद द्वारा गुलालाई इस्माइल पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था जिसके बाद वह पाकिस्तान छोड़कर अमेरिका भाग आई है। इस्माइल ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा यौन शोषण की घटनाओं को उजागर करने की कोशिश की थी। देश की महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ गुलालाई द्वारा लगातार छेड़े गए विरोध-प्रदर्शनों की वजह से उसपर देशद्रोह के आरोप लगाए गए। महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने इमरान खान को चिट्ठी लिखकर इस्माइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 32 वर्षीय इस्माइल पिछले महीने पाकिस्तान से किसी तरह बचकर भागने में कामयाब रही और अब वह अपनी बहन के साथ ब्रुकलिन में रह रही है। इस्माइल ने अमेरिका में सरकार से शरण की मांग भी की है। इस्माइल ने बताया कि उसे पाकिस्तान से भागने में बहुत मुश्किल हुई। इसके साथ उनसे यह भी कहा कि वह पाकिस्तान से भागने की कहानी विस्तार से नहीं बता सकती है क्योंकि इससे कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। इस्माइल ने कहा, ‘मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं, मैंने पाकिस्तानी सेना द्वारा महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाया है, इसीलिए मुझे फंसाया गया है।’
बताया जाता है कि इस्माइल ने पाकिस्तानी महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ छेड़े गए युद्ध की वजह से उसपर देशद्रोह के आरोप लगाए गए। जब मामला बढ़ा तो महिला कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री इमरान खान को चिट्ठी लिखकर इस्माइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की थी। मानवाधिकार रक्षकों का मानना है कि उसके खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के आरोप झूठे हैं और उसे पाकिस्तानी सेना खुद को बचाने के लिए फंसा रही है।