पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक संपादकीय लेख में लिखा, गांधी सबसे अच्छा शिक्षक जिसके पास समाधान थे

   

नई दिल्ली : “गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में,” महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती को चिह्नित करने के लिए मोदी ने बुधवार को न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में एक संपादकीय में लिखा, मोदी ने लेख में गांधी पर महान वैज्ञानिक एल्बर्ट आइंस्टीन के उस कथन का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘आने वाली पीढ़ियों को विश्वास ही नहीं होगा कि धरती पर कभी हाड़-मांस का ऐसा कोई व्यक्ति पैदा हुआ था।’ उन्होंने ‘आइंस्टीन चैलेंज’ की शुरुआत करते हुए दुनिया भर के विचारकों, उद्योगपतियों और टेक गुरुओं से ऐसी तकनीक लाने का आह्वान किया, जिससे बापू के विचारों का प्रचार-प्रसार हो सके।

प्रधान मंत्री ने लिखा, “हमारे पास मार्गदर्शन करने के लिए सबसे अच्छा शिक्षक है। स्थायी विकास को आगे बढ़ाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए मानवता में विश्वास करने वालों से एकजुट होकर, गांधी हर समस्या का समाधान प्रदान करते हैं”। गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत, मोदी ने लिखा, “गरीबों के लिए सामाजिक-आर्थिक कल्याण पर जोर दिया।” इससे हमें स्वामित्व की भावना प्रेरित करनी चाहिए, उन्होंने कहा, “हम, पृथ्वी के उत्तराधिकारी के रूप में, इसके कल्याण के लिए जिम्मेदार हैं।” उन वनस्पतियों और जीवों सहित, जिनके साथ हम अपना ग्रह साझा करते हैं। ”

मोदी ने गांधी के बारे में एक विश्व व्यक्ति के रूप में लिखा, जिनके जीवन की कहानी और संदेश ने भारत की सीमाओं से बहुत दूर लोगों को प्रेरित किया। लेख की शुरुआत अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलनों के अग्रणी नेता मार्टिन लूथर किंग के उस कथन से की गई है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘मैं अन्य देशों में एक पर्यटक के रूप में जाता हूं लेकिन भारत में तीर्थयात्री के तौर पर कदम रखता हूं।’ प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘मार्टिन लूथर किंग भारत को धार्मिक स्थल सरीखा मानते थे क्योंकि वह गांधी से काफी प्रभावित थे। दरअसल, बापू के पास मानव समाज के कुछ सबसे बड़े विरोधाभासों के बीच कड़ी बनने की अद्वितीय क्षमता थी। वह समाज के सभी वर्गों के बीच विश्वास के प्रतीक थे।’

मोदी ने लेख का अंत वैश्विक समुदाय से नफरत, हिंसा और पीड़ा खत्म करने की दिशा में कंधा से कंधा मिलाकर काम करने की अपील के साथ किया। उन्होंने लिखा, ‘हम ऐसा करके ही बापू के पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन…’ में छिपे उनके सपने को साकार कर सकेंगे। यह भजन हमें सिखाता है कि असली इनसान वही है, जो दूसरों का दर्द समझे, उनके कष्ट दूर करे और कभी अहंकार न दिखाए।’