पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया- विपक्षी दल

   

भारत के विपक्षी दलों ने कहा है कि देश के जवानों की शहादत का राजनीतिकरण न किया जाए। कांग्रेस सहित इक्कीस विपक्षी दलों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है।

द वायर के अनुसार कांग्रेस समेत भारत के 21 विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को विफल किए जाने की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में वे अपने सशस्त्र बलों एवं सेना के साथ खड़े हैं। इन दलों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलवामा हमले के बाद भाजपा के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है।

parstoday.com पर छपी खबर के अनुसार, विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवाददताओं के समक्ष विपक्षी दलों का संयुक्त बयान पढ़ा जिसमें पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि बैठक में शामिल सभी नेताओं ने 14 फरवरी को पुलवामा में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले की एक स्वर में कड़ी भर्त्सना की। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के ख़िलाफ़ निर्णायक लड़ाई में अपने सशस्त्र बलों व सेना के साथ एकजुटता का संकल्प दोहराया।

भारत के विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का स्थान राजनीतिक दलों की स्वार्थसिद्धि से कहीं ऊंचा होता है। विपक्षी दलों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता।

इस बयान के अनुसार बैठक में शामिल नेताओं ने मौजूदा सुरक्षा हालात पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी उस बयान का भी संज्ञान लिया जिसमें पाकिस्तान द्वारा भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के प्रयास को विफल करने का उल्लेख है। उन्होंने पाकिस्तान के इस दुस्साहस की निंदा की और वायुसेना के एक लापता पायलट की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।