पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के अभियान को तेज करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने आज यहाँ चीन समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों तथा 20 अन्य देशों के राजदूतों से मुलाकात कर चर्चा की है।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, श्री गोखले ने 25 देशों के भारत स्थित राजनयिकों से चर्चा की और उन्हें पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में जानकारी दी।
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि “सभी राजनयिकों को आतंकी हमले में पाकिस्तान स्थित तथा उसके द्वारा समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका के बारे में बताया गया है।”
सूत्रों का कहना है कि गोखले ने उनसे साफ़ शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान को ‘उसकी धरती से काम करने वाले आतंकवादी संगठनों को हर तरह का सहयोग और वित्तीय मदद तत्काल रूप से बंद करनी चाहिए।’ उन्होंने राजनयिकों को जानकारी दी कि पाकिस्तान आतंकवाद का उपयोग उसकी राष्ट्रीय नीति के हथियार के तौर पर कर रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केन्द्रीय कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने का फैसला लिया गया है।
साथ ही पाकिस्तान से सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा भी वापिस ले लिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के फैसलों के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी।