पूर्वोत्तर राज्यों में भारत बंद को मिली आंशिक प्रतिक्रिया

   

गुवाहाटी/अगरतला, 8 दिसंबर । किसान संघों द्वारा विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को किए गए भारत बंद का पूर्वोत्तर राज्यों में आंशिक असर देखने को मिला।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में बैंक कर्मचारियों के एक वर्ग का बंद में हिस्सा लेने के कारण यहां बैंकिंग ऑपरेशन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश पूर्वोत्तर राज्यों में ट्रेन और उड़ान सेवाओं पर राष्ट्रव्यापी बंद का कोई असर नहीं हुआ।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी में ट्रेन सेवाएं उनके अधिकार क्षेत्र में अप्रभावित रहीं, हालांकि कुछ स्थानों पर लोगों ने पथराव करके यात्री ट्रेनों को रोकना चाहा, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया। पूर्वोत्तर के 8 में से 6 राज्यों में एनएफआर पूरे या आंशिक तौर पर संचालित होता है।

भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले असम में, बाजार, दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान कुछ स्थानों पर खुले रहे और कई जगहों पर बंद रहे। सड़कों पर बहुत कम यात्री वाहन नजर आए। लेकिन कई सरकारी कार्यालयों में कामकाज सामान्य रहा। स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी खुले रहे लेकिन उपस्थिति कम रही।

ट्रेड यूनियन नेता बिस्वजीत घटक ने गुवाहाटी में मीडिया से कहा कि असम के अधिकांश हिस्सों में भारत बंद को पूरा समर्थन मिला। उन्होंने दावा किया, सुबह कुछ दुकानें और बाजार खुले लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, हड़ताल के समर्थन में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होते गए।

एक अन्य भाजपा शासित राज्य त्रिपुरा में कुछ जगहों पर दुकानें और बाजार बंद थे और कुछ जगह खुले थे। राजधानी अगरतला में भी यही स्थिति रही। सड़कों पर वाहन भी कम नजर आए।

अखिल भारतीय किसान सभा के नेता और पूर्व सांसद नारायण कर ने दावा किया कि भारत बंद का हर जगह बड़े पैमाने पर असर रहा। वहीं भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचर्जी ने कहा कि लोगों ने हर जगह बंद को खारिज कर दिया।

मेघालय और भाजपा शासित मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्रव्यापी बंद को बहुत कम प्रतिक्रिया मिली। बता दें कि कांग्रेस और वाम दलों सहित विभिन्न दलों ने किसानों को अपना समर्थन दिया है।

–आईएएनएस

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