पैसेंजर ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी, रेलवे बोर्ड में हुई मीटिंग

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रेलवे बोर्ड में पैसेंजर ट्रेनों को निजी हाथों में देने के लिए विचार-विमर्श करने के लिए एक खास बैठक आयोजित की गई. इस बैठक को रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक ने 6 रेलवे जोन के अधिकारियों के साथ बुलाया. इन अधिकारियों में 6 रेलवे जोनों के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर ने हिस्सा लिया. इन 6 जोनों में नॉर्दर्न रेलवे, सेंट्रल रेलवे, साउथ ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, साउथ सेंट्रल रेलवे और दक्षिणी रेलवे के अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए.

अब होगी पारदर्शी व्यवस्था

इस बैठक का मुख्य एजेंडा पैसेंजर ट्रेनों को प्राइवेट ऑपरेटर्स के हाथों में देने का रहा. इस बैठक में तय हुआ कि प्राइवेट ऑपरेटर्स अत्याधुनिक पैसेंजर ट्रेन चलाएंगे. इसके लिए व्यवस्था पूरी तरीके से पारदर्शी रखी जाएगी. ट्रेनों को चलाने के लिए आरएफक्यू और आरएफपी के तहत व्यवस्था की जाएगी.

इसके लिए पारदर्शी व्यवस्था के तहत निजी कंपनियों से पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए प्रस्ताव मांगा जाएगा. इन प्रस्तावों के आधार पर रेलवे पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए रेट तय करेगी. यह बेस प्राइस होंगे. इन बेस प्राइस के आधार पर रेलवे टेंडर आमंत्रित करेगी.

50 ट्रेन रूटों पर हुई चर्चा

पैसेंजर ट्रेनों को निजी हाथों में देने के लिए बुलाई गई इस मीटिंग में 50 ट्रेन रूटों के बारे में चर्चा की गई. अब सभी 6 जोनल रेलवे अपने-अपने रेल रूटों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए प्रक्रिया का निर्धारण करेंगे. इसके लिए फीजिबिलिटी और कमर्शियल वायबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी.

जोनल रेलवे यह भी तय करेंगे कि उनके रूट में अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की कितनी गुंजाइश है. निजी हाथों में सौंपने के लिए जिन ट्रेनों को चुना जाएगा. उनके लिए कोचिंग टर्मिनल और वाशिंग लाइन अलग से बनाई जाएंगी.