चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को सिरे से खारिज करने के लिए धन्यवाद दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मैं यह भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिहार में सीएए और एनआरसी लागू नहीं होगा।
प्रशांत किशोर ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘सीएए और एनआरसी को औपचारिक और सिरे से खारिज करने के लिए मैं कांग्रेस नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। इस मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उनके प्रयासों के लिए विशेष धन्यवाद। इसके साथ ही मैं यह भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिहार में सीएए-एनआरसी लागू नहीं होगा।’ प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को टैग भी किया गया है।
I join my voice with all to thank #Congress leadership for their formal and unequivocal rejection of #CAA_NRC. Both @rahulgandhi & @priyankagandhi deserves special thanks for their efforts on this count.
Also would like to reassure to all – बिहार में CAA-NRC लागू नहीं होगा।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 12, 2020
दिसंबर के महीने में प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपील की थी कि राहुल गांधी और कांग्रेस को इसके खिलाफ खुलकर आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से मांग की थी कि जिन राज्यों में उनकी सरकार है, वहां इन कानूनों को लागू नहीं करने की अपील करनी चाहिए। उनके इस ट्वीट के बाद कांग्रेस पार्टी ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ में अपना मोर्चा बुलंद कर दिया। प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर एक प्रदर्शन में शामिल हुईं। इसके साथ ही वे उत्तर प्रदेश में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जेल गए लोगों से भी मीलीं। सीएए के दौरान हुए हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से भी प्रियंका गांधी ने मुलाकात की थी।
दूसरी तरफ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को सीएए-एनआरसी के खिलाफ बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि नए साल की शुरुआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं और अपराध से हुई है। उन्होंने सीएए को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार देते हुए दावा किया कि इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर सोनिया ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि जेएनयू और अन्य जगहों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए।