प्रियंका की राजनीति में एंट्री: रविशंकर प्रसाद बोले, परिवार ने भी स्वीकारा राहुल गांधी ‘फ्लाप’ हो चुके हैं

   

प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस में पूर्वी उत्तरप्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाये जाने को लेकर पर चुटकी लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि उनका (प्रियंका) व्यक्तित्व संगठन में ‘और बड़ी भूमिका’ का हकदार था .

प्रसाद ने कहा, ‘प्रियंका जी महासचिव बनी है, मेरी ओर से उन्हें शुभकामनाएं . चूंकि यह परिवार का मसला है, तो इस तरह के पद अस्वभाविक नहीं हैं . मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि उन्हें केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश में सीमित भूमिका क्यों दी गई ? वास्तव में उनका व्यक्तित्व बड़ी भूमिका का हकदार था .’

विधि मंत्री केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठकों के निर्णयों की जानकारी देने के समय इस बारे में पूछे गए संवाददाताओं के सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे . उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से नियुक्तियों से पार्टी का दृष्टकिोण स्पष्ट होता है.बाद में संवाददाताओं से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि यह मामला एक भाई (राहुल गांधी) द्वारा अपनी बहन (प्रियंका गांधी वाड्रा) को पार्टी पद पर नियुक्त करने से संबंधित है .

भाजपा नेता की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब बुधवार को प्रियंका को पार्टी महासचिव बनाते हुए उत्तर प्रदेश-पूर्व की जिम्मेदारी सौंपी गई.

प्रियंका की नियुक्ति पर क्या बोले बीजेपी के अन्य नेता
उत्तरप्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है और ‘कांग्रेस में कौन चेयरमैन बनता है, कौन डायरेक्टर और कौन मैनेजिंग डायरेक्टर… यह परिवार का ही मसला है .’ उन्होंने कहा कि हालांकि प्रियंका गांधी वाड्रा की नियुक्त से स्पष्ट हो गया है कि परिवार ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि राहुल गांधी ‘फ्लाप’ हो चुके हैं . प्रस्तावित महागठबंधन में राहुल गांधी को कोई भाव नहीं दे रहा .

शर्मा ने कहा कि वहीं गरीबों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गठबंधन हो चुका है . कांग्रेस ने गरीबों को नारा दिया जबकि मोदी ने गरीबो को हक दिया है.  उन्होंने कहा कि पहले भी प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी, रायबरेली में प्रचार कर चुकी हैं और लोग सभी बातें जानते हैं.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रियंका गांधी वाड्रा के कांग्रेस में औपचारिक प्रवेश को ‘पारिवारिक गठबंधन’ करार दिया और कहा कि यह कांग्रेस द्वारा इस बात की स्वीकारोक्ति है कि राहुल गांधी नेतृत्व प्रदान करने में ‘विफल’ रहे हैं . पात्रा ने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन में विभिन्न दलों से ‘खारिज’ किए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘पारिवारिक गठबंधन’ को अपनाया है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने वास्तव में सार्वजनिक तौर पर घोषणा कर दी है कि राहुल गांधी विफल हो गए हैं. यह महागठबंधन के दलों द्वारा खारिज किए जाने के कारण हुआ है और ऐसे में उन्होंने पारिवारिक गठबंधन को चुना .’ बहरहाल, विपक्षी पार्टी पर चुटकी लेते हुए पात्रा ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि कांग्रेस पार्टी को परिवार के ही किसी सदस्य को ताज देना था . उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसन्न लोकसभा चुनाव को ‘नामदार’ और ‘कामदार’ के बीच की लड़ाई बता चुके हैं .

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कौन अगला नेता होगा, यह पहले से ही तय होता है. पात्रा ने इस संदर्भ में पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी का उदाहरण दिया .  पात्रा ने कहा कि सभी नियुक्तियां एक परिवार से होती हैं. कांग्रेस और भाजपा में यही अंतर है.