फलस्‍तीनीयों के संघर्ष की कहानी अब इस म्युजियम में देख पायेंगे दुनिया के लोग!

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फलस्‍तीनीयों के संघर्ष को अगर देखना हो त आप देख सकते हैं। अमेरिका के वाशिंग्टन में एक ऐसा म्युजियम खुलने जा रहा है जहां फ़िलिस्तीनी अपनी संघर्ष को चित्र के जरिए दुनिया को दिखायेंगे

फ़िलिस्तीनी पीड़ितों की शायद ही कभी वाशिंगटन डीसी में आवाज़ सुनी गई हो। लेकिन अब शहर के के बीचो बीच और व्हाइट हाउस और कैपिटल हिल से कुछ ही दूरी पर एक ऐसा केन्द्र खोला गया है, जहां फ़िलिस्तीनी कलाकार अपने चित्रों के ज़रिए और कहानी कहने वाले अपनी दर्द भरी दास्तानों के ज़रिए अपना और अपने राष्ट्र का दर्द साझा कर सकेंगे।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, इस जगह का नाम फ़िलिस्तीनी म्यूज़म रखा गया है। यहां के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह एक ऐसा केन्द्र है, जहां फ़िलिस्तीनी पीड़ित अपनी दुख भरी कहानियों को साझा कर सकते हैं और आर्टिस्ट अपने राष्ट्र को उजड़ने, लोगों को बेघर किए जाने और ऊंची ऊंची और लम्बी दीवारों के ज़रिए इंसानों को आपस में बांटने का दर्द कला और चित्रों के ज़रिए बयान कर सकते हैं।

इस म्यूज़ियम की संस्थापक 31 वर्षीय बशारा नस्सार का कहना है कि यह पीड़ितों का म्यूज़ियम है, बिल्कुल उसी तरह से जैसे होलोकॉस्ट म्यूज़िम या अमेरिकन इंडियन नेश्नल म्यूज़ियम है।

नस्सार 2011 में अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी इलाक़े पश्चिमी तट से पढ़ाई करने के लिए अमरीका पहुंची थीं, जहां उन्होंने फ़िलिस्तीनियों के दुख और दर्द को खोया हुआ महसूस किया।

उनका कहना हैः मैंने यहां कोई ऐसी जगह नहीं देखी, जहां फ़िलिस्तीनी अपने दुखों और दर्दों की दास्तान, अपना इतिहास और अपनी संस्कृति किसी से साझा कर सकें। इसलिए मैंने अफ़्रीक़न अमेरिकन हिस्टरी एंड कल्टर नेशन्ल म्यूज़ियम से प्रेरणा लेकर यह क़दम उठाया है।