फैंटेसी स्पोर्ट्स पर नीति आयोग की गाइडलाइन आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप

   

नई दिल्ली, 14 दिसम्बर । गैर-लाभकारी संगठन इंडियाटेक डॉट ओआरजी ने हाल ही में इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर नीति आयोग के दिशानिर्देशों के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए एक सत्र का आयोजन किया। यह संगठन दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट वाणिज्य पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर केंद्रित है।

इस सत्र में उद्योग के अग्रणी लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें इंडियाटेक के सीईओ रमीश कैलासम, फिदस लॉ चैम्बर्स से श्वेताश्री मजूमदार और ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स (ओएफएस) से बिमल जुल्का शामिल रहे। सत्र में इस बात पर चर्चा की गई कि यह दिशानिर्देश डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में कैसे सही कदम साबित हो सकते हैं।

सत्र में भाग ले रहे पैनलिस्टों ने मसौदा दिशानिर्देशों की व्याख्या की और पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने और फैंटेसी खेल उद्योग में स्पष्टता लाने में मदद के लिए स्व-नियमन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की।

उनका मानना है कि जैसे कि फैंटेसी स्पोर्ट्स मुख्य रूप से कौशल-आधारित स्पोर्ट्स इंगेजमेंट प्लेटफॉर्म है, उस लिहाज से यह कदम फैंटेसी स्पोर्ट्स की आड़ में संदेहास्पद वैधता वाले खेल से फैंटेसी खेलों को अलग करने और परिभाषित मापदंडों एवं तंत्र के साथ एक सुरक्षित स्थान बनाने में मदद करेगा।

इन मार्गदर्शक सिद्धांतों का औपचारिककरण बहुत आवश्यक प्रगतिशील सुधारों के लिए अनुमति देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि ओएफएस उद्योग में जिम्मेदारी बढ़े और इसे लेकर उपयोगकर्ता के अनुभव भी सुरक्षित एवं बेहतर हों।

नीति आयोग के दिशानिर्देश पर भारत में डिजिटल क्षेत्रों को बढ़ावा देने और समर्थन करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। समग्र फैंटेसी खेल उद्योग भारतीय खेल प्रशंसकों के साथ जुड़ा हुआ है और यह भारत में खेल पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान देता है। छोटे प्रारूप की खेल लीगों के आगमन और प्रौद्योगिकी की गति में वृद्धि के साथ भारत में फैंटेसी खेलों की लोकप्रियता खेल प्रेमियों के साथ बढ़ रही है।

यह स्वदेशी प्लेटफॉर्म भारत को फैंटेसी स्पोर्ट्स का ग्लोबल हब बनाने में मदद करेगा, जो कि पहले ही यूजर-बेस के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ चुका है। इस सत्र में पैनलिस्टों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति फैंटेसी स्पोर्ट्स के योगदान पर भी जोर दिया, जिसमें बताया गया कि कैसे उद्योग अगले पांच वर्षों में भारत सरकार को करों (टैक्स) के जरिए 13,500 करोड़ रुपये के योगदान की उम्मीद कर रहा है और अगले कुछ वर्षो में इससे अतिरिक्त 12,000 नौकरियां भी पैदा होंगी।

ओएफएस उद्योग की विशाल क्षमता को स्वीकार करते हुए, रमेश कैलासम ने कहा, ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स सेक्टर के लिए नियामक स्पष्टता की ओर बढ़ने की दिशा में नीति आयोग का यह प्रयास एक स्वागत योग्य कदम है। इस तरह का प्रयास केंद्र और राज्यों दोनों को इस बढ़ते हुए क्षेत्र को सक्षम करने की दिशा में काम करने में सक्षम करेगा, जो वर्तमान में वैधता के लिए विभिन्न न्यायालय के निर्णयों पर निर्भर है, ताकि वे खुद को अलग कर सकें।

उन्होंने कहा कि विशिष्ट विनियमन की अनुपस्थिति और नीतियों को लेकर अस्पष्टता की वजह से ऑनलाइन फैंटेसी खेल क्षेत्र को एक उभरते हुए क्षेत्र के रूप में स्वीकार किए जाने के बावजूद कई अन्य रूपों के साथ गलत समझा जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह खेल प्रशंसकों और उत्साही लोगों के साथ जुड़ा हुआ है और लगातार वृद्धि भी कर रहा है, मगर इसे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रमीश ने यह भी कहा कि इसे ऑनलाइन गेम के कई अन्य रूपों के साथ गलत समझ लिया जाता है, जबकि इससे काफी अगल हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास इस स्पेस में और अधिक स्टार्टअप स्थापित करने की एक बड़ी क्षमता है, जो दुनिया में सबसे बेहतरीन भी हो सकती है।

सत्र के दौरान फैंटस लॉ चैम्बर्स की मैनेजिंग पार्टनर श्वेताश्री मजूमदार ने कहा कि उपभोक्ताओं पर भरोसा करने और यह सुनिश्चित करने का एक लंबा रास्ता तय करना है कि सभी ओएफएस प्लेटफॉर्म जिम्मेदारी से कार्य करते हैं और निर्धारित प्रारूप के अनुरूप हैं। इसके साथ ही फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स के चेयरमैन बिमल जुल्का ने खेलों में फैंटेसी स्पोर्ट्स के योगदान के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि फैंटेसी स्पोर्ट्स ने काफी तरक्की की है। उन्होंने कहा ओएफएस ऑपरेटर न केवल अंतर्राष्ट्रीय टूनार्मेंट, बल्कि घरेलू स्तर पर भी भागीदारी कर रहे हैं। जुल्का ने कहा कि वर्तमान में ओएफएस ऑपरेटर 10 से अधिक खेलों के लिए फैंटेसी खेल टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे हैं, जिसमें न केवल क्रिकेट और फुटबॉल जैसे मुख्यधारा के खेल शामिल हैं, बल्कि कबड्डी, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, बेसबॉल और अन्य कई खेल भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा फैंटेसी खेल उद्योग बन गया है, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

सितंबर 2020 में इंडियाटेक ने इंडियन ओनल पर एक श्वेतपत्र जारी किया था।

Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.