बंगाल: पूर्व IPS के घर CID छापे में मिले थे करोड़ो रूपये अब वह भाजपा में हुईं शामिल

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कोलकाता में ममता बनर्जी और सीबीआई की उठक-पाठक के बीच पश्चिम बंगाल की पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष बीजेपी  में शामिल हो गईं.केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पार्टी के नेता मुकुल रॉय की उपस्थिति में पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा.कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी रही भारती पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है. पिछले कुछ समय में मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल भारती को ढूंढ़ने के लिए सीआइडी देशभर में छापेमारी कर रही है. भारती घोष ने पिछले साल 29 दिसंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था. इस्तीफे के बाद भारती के बीजेपी में शामिल होने को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया था. कभी मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की क़रीबी रहीं घोष पर अभी फिरौती का एक मामला भी चल रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, घोष जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र के मामले को लेकर आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की जांच के दायरे में हैं, जबकि उनके पति राजू हिरासत में हैं.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीते सोमवार को भाजपा में शामिल होने वाली घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है.

सूत्रों के अनुसार, भाजपा में शामिल होने के बाद भारती घोष आगामी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतर सकती हैं.

द क्विंट की ख़बर के अनुसार, पिछले साल सीआईडी ने घोष के घर छापा मारकर 2.5 करोड़ नकद बरामद किया था. जांच में सहयोग न करने पर जांच एजेंसी ने घोष को ‘मोस्ट वांटेड’ तक करार दिया था.

भारती घोष ने कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया था. जबकि सीआईडी ने बताया था कि बरामद किए गए 2.5 करोड़ रुपये के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

सीआईडी ने कोर्ट के आदेश पर अवैध वसूली के एक मामले में भारती घोष के खिलाफ जांच शुरू की थी. इस जांच के दौरान ही सीआईडी को भारती घोष के घर से 300 करोड़ रुपये की ज़मीन खरीदने के दस्तावेज़ मिले थे. इसी सिलसिले में सीआईडी भारती घोष से पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन जब उनका कोई पता नहीं लगा तो सीआईडी ने उन्हें मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सीआईडी ने पहले घोष के खिलाफ पश्चिम मिदनापुर की एक अदालत में आठ अन्य लोगों के साथ एक फ़रार के रूप में चिह्नित करते हुए आरोप-पत्र दायर किया था. घोष के अलावा, उनके पूर्व अंगरक्षक सुजीत मंडल को भी चार्जशीट में एक फ़रार के रूप में दिखाया गया था.

हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस द्वारा हासिल की गई एक ऑडियो क्लिप में, घोष को यह कहते हुए सुना गया कि वह फ़रार नहीं हैं और जल्द ही लोगों का सामना करेंगी. उन्होंने कहा, ‘मेरा मामला अभी अदालत में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने मुझे गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया, इसलिए मैं फ़रार नहीं हूं. लोग मुझे एक फ़रार बताकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, सीआईडी ने पिछले साल फरवरी में चंदन माझी द्वारा दर्ज जबरन वसूली और आपराधिक साज़िश की शिकायत के आधार पर भारती घोष के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया था. सीआईडी ने अपने आरोप-पत्र में घोष के फ्लैट पर छापे मारने और भारी मात्रा में नकद और सोने के आभूषण बरामद करने का दावा किया था.

भारती घोष का पार्टी में स्वागत करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में भाजपा का बढ़ता परिवार. पूर्व आईपीएस भारती घोष जी का भाजपा परिवार में स्वागत है.’

क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि मुकुल रॉय के बीजेपी में जाने के बाद ममता बनर्जी और भारती घोष के संबंधों में खटास आ गई थी. इसके बाद पश्चिम बंगाल में मेदिनीपुर ज़िले की साबंग सीट पर उपचुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी के जनाधार में बढ़त देखने को मिली थी. वह भी तब जब इस इलाके में बीजेपी का कोई बड़ा चेहरा नहीं था.

इसका ठीकरा तृणमूल नेताओं ने भारती घोष के ऊपर फोड़ दिया और चुनाव के बाद घोष का ट्रांसफर एक नीची पोस्ट पर कर दिया गया, जिसके बाद भारती घोष ने 29 दिसंबर 2017 को इस्तीफा दे दिया था.