बाढ़ का तांडवः बिहार में 24 तो असम में अबतक 15 की मौत

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मानसून की आमद देश के उत्तरी और पूर्वी इलाके में राहत के साथ-साथ आफत भी लेकर आई है. वहीं देश का दक्षिणी हिस्सा अब भी सूखे की मार झेल रहा है. बिहार, असम समेत पूर्व और उत्तर भारत के कई राज्यों में जहां भारी बारिश की वजह से लाखों लोग बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. वहीं, तमिलनाडु में बारिश न होने के कारण सूखे की स्थिति है. हालांकि चेन्नई में सोमवार की देर शाम बारिश होने से लोगों को राहत मिली है. इधर, दिल्ली और एनसीआर में बीते सोमवार को झमाझम बारिश हुई. पूर्वोत्तर और बिहार के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. सैलाब की वजह से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 44 हो गई. इसके अलावा प्राकृतिक आपदा से करीब 70 लाख लोग प्रभावित हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में मानसून का लंबा इंतजार सोमवार को खत्म हो गया, और दिल्ली में 28.8 मिमी बारिश हुई जो इस साल जुलाई में सबसे ज्यादा है. आगामी दो-तीन दिनों में और वर्षा होने का अनुमान है. असम के 33 में से 30 जिलों के करीब 43 लाख लोग सैलाब से प्रभावित हैं. बाढ़ ने 15 लोगों की जान भी ले ली है. इसके अलावा, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और मानस राष्ट्रीय उद्यान भी जलमग्न हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल से सोमवार को फोन पर बात की और राज्य में बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी ली.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य के 4,157 गांवों के 42.87 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. राज्य में ब्रह्मपुत्र का जलस्तर खतरे के निशान से पार चला गया है. उधर, बिहार में सैलाब की वजह से मरने वालों की संख्या 24 हो गई है. पड़ोसी देश नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद राज्य के 12 जिलों में आई बाढ़ की वजह से 25.66 लाख लोग प्रभावित हैं. पूर्वी चम्पारण जिले में दो अलग अलग घटनाओं में पांच और बच्चे डूब गए हैं, लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे बाढ़ से संबंधित घटना मानने से इनकार किया. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई मुआयना किया.

मिज़ोरम में खतलंगतुईपुई नदी में बाढ़ आने की वजह से 32 गांव प्रभावित हुए हैं और कम से कम एक हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है. वहीं वर्षा संबंधित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है. मेघालय में पिछले सात दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से दो नदियों में बाढ़ आ गई है जिनका पानी पश्चिम गारो हिल्स जिले के मैदानी इलाकों में घुस गया है जिससे कम से कम 1.14 लाख लोग प्रभावित है. बहरहाल, त्रिपुरा में सैलाब के हालात में सुधार के संकेत मिले हैं क्योंकि दो नदियों में पानी घटना शुरू हो गया है.

अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ और सुरक्षा बलों के कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित खोवई और पश्चिम त्रिपुरा जिलों से कई लोगों को बचाया है. महाराष्ट्र में नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के पालघर और ठाणे जिलों के नदी तट पर बसे 75 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि क्षेत्र के प्रमुख बांधों में जल स्तर ओवरफ्लो के निशान के नजदीक पहुंच गया है. हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में रविवार से हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई है. मौसम विभाग ने बताया कि ऊना राज्य का सबसे गर्म इलाका रहा जहां पारा 34.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि केलांग में न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ.

पंजाब और हरियाणा तथा इनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में बारिश हुई और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस तक गिरा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 119 टीमों को असम और बिहार समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है. इन क्षेत्रों पर करीब से निगाह रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.