अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारत को बदनाम करने के साजिश का खुलासा हुआ है। बांग्लादेश की मीडिया में इसे लेकर एक फर्जी खबर चलाई जा रही है।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, भारत ने इसकी कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह दोनों देशों की संबंध खराब करने की कोशिश है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करके कहा, ‘हम जानबूझकर इस तरह की फर्जी और दुर्भावनापूर्ण खबरें फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की निंदा करते हैं।
ये लोग समुदायों को विभाजित करने, विद्वेष को बढ़ाने और भारत – बांग्लादेश के लोगों के लोगों के बीच दोस्ती को कमजोर करने की कोशिश करते हैं।’
बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया में एक पत्र बांटा गया। दावा किया गया कि यह पत्र अयोध्या मामले में फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा है। इसमें पीएम मोदी ने पांच जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच को ‘हिंदू राष्ट्र के लिए उनके शानदार योगदान’ के लिए बधाई दी है।
We strongly condemn those responsible for deliberately spreading such fake and malicious news, to divide communities, create disharmony and undermine friendship between the people of India and Bangladesh. https://t.co/LEdXxutzNc
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) November 13, 2019
रवीश ने अपने ट्वीट में ढाका में भारतीय उच्चायोग के बयान को शेयर किया, जिसमें इसको पूरी तरह से नकली और दुर्भावनापूर्ण बताया गया है।
बयान में कहा गया कि बांग्लादेश में मीडिया के एक वर्ग ने बताया कि पीएम मोदी ने अयोध्या के फैसले पर भारत के मुख्य न्यायाधीश को बधाई दी। इसका उद्देश्य बांग्लादेश में लोगों को गुमराह करना और सामाजिक भेदभाव पैदा करना है।
कुछ लोग सार्वजनिक तौर पर भारत के बारे में गलतफहमी पैदा करने के लिए जानबूझकर नकली और गलत जानकारी प्रसारित कर रहे हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।