बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रहे CBI जज का कार्यकाल बढ़ा

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बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे CBI जज एसके यादव का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है. इस मामले की सुनवाई अप्रैल 2020 तक पूरी होनी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है.

दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल CBI जज एसके यादव को अप्रैल 2020 तक मामले सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने को कहा था.बाबरी मस्जिद मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास समेत अन्य पर मुकदमा चल रहा है.

जस्टिस एसके यादव को 30 सितंबर को रिटायर होना था. जज का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था. यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में किसी जज का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए कोर्ट अपने अनुच्छेद 142 के तहत अधिकार के तहत यह कर सकता है.

इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि CBI जज एसके यादव जब तक फैसला नहीं देते तब तक उन्हें रिटायर न किया जाए इसके लिए क्या किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि जज एसके यादव के कार्यकाल को कैसे बढ़ाया जा सकता है? साथ ही कानूनी प्रावधान क्या है?

CBI जज एसके यादव ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 6 महीने का और समय मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह बेहद जरूरी है कि CBI जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाएं.