बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि मामले में मुस्लिम जज को रखने का स्वागत करते हैं- इक़बाल अंसारी

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राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक बार फिर नए पाँच जजो की बेंच नियुक्ति कर दिया गया है अब नए बैच के साथ 29 जनवरी को सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई , जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नज़ीर , जस्टिस बोबड़े और जस्टिस चंद्रचूड़ को रखा गया वहीं वेंच निर्धारण को लेकर पक्षकारों ने सहमति जताई है और आशा भी लगा रहे हैं।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा सवाल देश का है, और फैसला करने वाले चाहे हिन्दू हो या मुसलमान फैसला सबूतों के आधार पर किया जाता है। हम जात पात की बात नही करते है, कोर्ट कानून के हिसाब से चलता है।

आज जो कोर्ट द्वारा बेंच निर्धारित की गई है, उसमे एक मुसलमान जज को भी रखा गया है। इसका हम स्वागत करते है । पाँच जजो की बेंच से सुनवाई में जरूर तेज़ी आयगी । हम लोगो की यही मांग भी है फैसला जल्द से जल्द आये। हमे इस बात की खुशी है , हिन्दू मुसलमान मिल करके बाबरी और जन्मभूमि का फैसला करने जा रहे है ।

वही हाजी महबूब में बताया कि आज यह मामला हिंदुस्तान के सबसे बड़ी अदालत में है और आज जिस तरह से सुनवाई के लिए नए वेंच का गठन कर उसमें हिंदू और मुस्लिम जजों को शामिल किया गया है स्वागत योग्य है और हमने इस वेंच में एक मुस्लिम होने की मांग इसीलिए की थी कि जब भी अदालत कोई अपना फैसला सुनाए तो कोई भी उंगली ना उठा सके इसमें हमारा कोई व्यक्ति नहीं रहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बताया कि यदि बुनियादी तौर पर फैसला किया जाएगा तो जरूर मुस्लिम पक्ष में फैसला आएगा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करेगा वह सभी को मंजूर होगा ।

वही निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह जी ने कहा है मानयीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो पाँच जजो की बेंच का गठन किया गया है, इससे हम लोगो को बड़ी उम्मीद है अगर डेली सुनवाई होती रहेगी , तो राममंदिर का फैसला जल्द से जल्द आ जायेगा।