बाबरी मामला- श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थत बनाये जाने पर ओवैसी ने उठाए सवाल

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अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता के लिए के लिए पैनल में शामिल आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के नाम पर आपत्ति जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यीय एक पैनल का गठन किया। इस पैनल में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफएफ कलीफुल्लाह, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं। इस पैनल की अगुवाई जस्टिस कलीफुल्लाह करेंगे। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि ‘यह ज्यादा बेहतर होता कि सुप्रीम कोर्ट उनकी जगह किसी तटस्थ व्यक्ति को पैनल में शामिल किया होता।’

समाचार एजेंसी से ओवैसी ने कहा, ‘श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थत के रूप में पैनल में शामिल किया गया। वह पहले कह चुके हैं कि मुस्लिम यदि अयोध्या पर अपना दावा नहीं छोड़ते तो भारत सीरिया बन जाएगा। यह बेहतर होता कि सुप्रीम कोर्ट उनकी जगह एक तटस्थ व्यक्ति को पैनल में शामिल करता।’

शीर्ष अदालत ने पैनल का गठन करते समय कुछ दिशा-निर्देश भी तय किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर शुरू करने के लिए कहा है। पैनल को मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद में पूरी करनी है। इसके अलावा कोर्ट ने पैनल से आठ महीने के भीतर यानि दो महीने में मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा है। पैनल मध्यस्थता की पहली प्रगति रिपोर्ट चार महीने में कोर्ट को सौंपेगा।