‘बार-बार फोन देखने से कम हो रही उम्र, असामयिक मौत का भी खतरा’

,

   

अगर आपको भी दिनभर फोन में झांकते रहने की आदत है तो सावधान हो जाइए। वैज्ञानिकों के अनुसार  यह आदत आपकी उम्र को कम कर सकती है। सभी जानते हैं कि तनाव बुरा होता है।

डॉक्टर अक्सर चेतावनी देते हैं कि तनाव आपकी जान ले सकता है। तनाव इंसानों के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्राव करता है। यह हार्मोन दिल को तेजी से पंप करता है और शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ा
देता है।

इनबॉक्स में है तनाव : पहले लोगों को कभी-कभी इस स्थिति का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब फोन का इनबॉक्स  भी तनाव देने वाला बन गया है। औसतन हर 36 सेकेंड में इनबॉक्स में नोटिफिकेशन आने से तनाव का स्तर बढ़ता है। मायो क्लीनिक ने चेतावनी देते हुए कहा, कोर्टिसोल का अत्यधिक स्राव और तनाव वाले हार्मोन के बढ़ने के कारण इंसानों के शरीर की सारी कार्यप्रणाली गड़बड़ हो जाती है।

इसके परिणाम स्वरूप कई तरह की परेशानियां बढ़ने लगती हैं, जैसे प्रजनन की क्षमता में कमी आना, अवसाद, मधुमेह और दिल का दौरा। आपका फोन तनाव के सबसे बडे़ कारणों में से एक है। दिनभर फोन में झांकते रहने से तनाव बढ़ेगा और उम्र कम होने का खतरा ज्यादा होगा।
सेहत पर बुरा प्रभाव :  न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे एक लेख में बताया गया है कि लोगों की फोन के प्रति बढ़ती दीवानगी से डॉक्टर्र ंचतित हैं क्योंकि इससे उनकी उम्र कम हो रही है। लोग औसतन रोज चार घंटे तक फोन में देखते रहते हैं।

ज्यादातर लोग इस बात की अनदेखी करते हैं कि वह रोज कितना समय फोन और अन्य उपकरणों पर बर्बाद कर देते हैं। यह उनकी उत्पादकता के लिए तो बुरा है ही साथ ही इससे सेहत पर भी बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के स्कूल ऑफ मेडिसिन साइकाइट्री के प्रोफेसर डेविड ग्रीनफिल्ड ने कहा, जब भी आपका फोन आसपास होता है तो कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। जब फोन में नोटिफिकेशन आने की ध्वनि सुनाई देती है या  ऐसा लगता है कि आपका फोन बज रहा है तब भी कोर्टिसोल  हर्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह एक तनाव की प्रतिक्रिया है जो शरीर को बेहद बुरी लगती है और शरीर आराम पाने के लिए फोन चेक करने को आगे बढ़ता है।

असामयिक मौत का खतरा

वैज्ञानिकों का मानना है कि जैसे ही आप फोन के बारे में सोचते हैं आपको तनाव महसूस होता है और फिर उसे कम करने के लिए अपना फोन चेक करते हैं। लेकिन, फोन चेक करने से तनाव और बढ़ जाता है। कोई परेशान करने वाला मैसेज, कोई छूटा हुआ कार्य या कोई डराने वाली हेडलाइन पढ़ते ही कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी होती है। धीरे-धीरे फोन की लत के कारण यह तनाव बढ़ता जाता है और हम असामयिक मृत्यु की ओर बढ़ जाते हैं।

कोर्टिसोल के स्तर पर कैसे पाएं काबू

डॉक्टरों ने सलाह दी है कि फोन के कारण बढ़ते कोर्टिसोल के स्तर को कम करने के लिए कुछ आसान उपाय करने चाहिए। अपने फोन का नोटिफिकेशन बंद कर दें या अपने फोन को बदसूरत बनाकर रखें ताकि उसे देखने का मन न करे। अगर फोन की लत बेहद गंभीर है तो डिजिटल डिटॉक्स प्रोग्राम का सहारा लें।  स्टैनफोर्ड की मनोरोग विशेषज्ञ केली मैकगोनिगल ने कहा कि फोन की लत से छुटकारा पाने को माइंडफुलनेस (ध्यान लगाना) का अभ्यास करें। सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और महसूस करें कि आप सर्फिंग जैसा कोई मनोरंजक कार्य कर रहे हैं। अभ्यास से दिमाग पर नियंत्रण किया जा सकता है जिससे फोन देखने की इच्छा कम होती जाएगी।