बालाकोट हमले के बाद और तेज हुई मोदी लहर : सर्वे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के साथ संतुष्टि का जोर इस साल 26 फरवरी के बालाकोट हवाई हमलों के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

31 मई को किया गया आईएएनएस-सीवोटर पोल दर्शाता है कि पोल में शामिल हुए 48.87 प्रतिशत लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ ‘बहुत संतुष्ट’ हैं.

इसी सर्वे के मुताबिक 25.74 प्रतिशत लोग ‘कुछ हद तक संतुष्ट’ हैं, जबकि 18.17 प्रतिशत भाजपा सरकार के साथ ‘बिल्कुल संतुष्ट नहीं’ हैं.

इसकी तुलना बालाकोट हवाई हमलों की पृष्ठभूमि में आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के साथ करें, जिसने नाटकीय रूप से आम चुनावों में जीत के पांसे को भाजपा के पक्ष में कर दिया, तो पाया गया कि पहले के लगभग 40 प्रतिशत देशव्यापी संतुष्टि स्तर की तुलना में बालाकोट हवाई हमले के बाद मोदी को पसंद करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई.

आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर ने दिखाया कि कैसे संतुष्टि स्तर 26 फरवरी के आसपास तेजी से बढ़ा – यह 25 फरवरी को 43.55 प्रतिशत था, 26 फरवरी को 43.73 प्रतिशत, 27 फरवरी को 45.05 प्रतिशत, 28 फरवरी को 46.10 प्रतिशत और फिर 5 मार्च को 50.67 प्रतिशत, 6 मार्च को 51.55 प्रतिशत और 7 मार्च को 51.32 प्रतिशत पहुंच गया.

इसके बाद से मोदी के लिए राष्ट्रव्यापी स्वीकार्यता लगातार उच्च बनी हुई है, अब यह एक नए उच्च स्तर को छू गई है.

आईएएनएस-सीवोटर का 31 मई का नवीनतम सर्वेक्षण कुछ दिलचस्प विवरण दिखाता है. जैसे कि मोदी सरकार के साथ संतुष्टि का स्तर विपक्षी शासित राज्यों में सबसे अधिक है, जहां भाजपा ने हाल के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया.

उदाहरण के लिए, कांग्रेस शासित राजस्थान में यह 66.40 प्रतिशत, बीजू जनता दल (बीजद) शासित ओडिशा में 64.39 प्रतिशत और कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश में 65.10 प्रतिशत रहा.

प्रतिशत के लिहाज से मोदी के साथ संतुष्टि का स्तर लगातार 40 से ऊपरी स्तर पर रहा और 23 मई को लोकसभा परिणामों की घोषणा के बाद से यह नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है.

23 मई को मोदी सरकार के साथ संतुष्टि स्तर के लिए संपूर्ण भारत में आंकड़ा 46.40 प्रतिशत को छू गया, 24 मई को यह 47.45 प्रतिशत था, 25 मई को यह 47.72, 26 मई को यह 48.71, 27 मई को यह 49.10 प्रतिशत, 28 मई को यह 49.32 प्रतिशत, 29 मई को यह 48.92 प्रतिशत था, 30 मई को यह 49.59 प्रतिशत था जबकि 31 मई को यह 48.87 प्रतिशत रहा.