बुलंदशहर हिंसा- गोकशी के मामले में तीन मुस्लिमों पर सरकार ने लगाया रासुका !

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई गोकशी के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. स्याना के महाव गांव में हुई गोकशी में तीन आरोपियों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगा दिया है.

गोकशी के आरोपियों में अजहर पुत्र तकी खां, निवासी मोहल्ला कैतवाला स्याना, नदीम उर्फ नदीमुद्दीन पुत्र बाबू खां उर्फ जहीरुद्दीन निवासी मोहल्ला चैधरियान स्याना और महबूब अली पुत्र अब्दुल मारुफ निवासी-मोहल्ला चोधरियान स्याना पर डीएम ने ये कार्रवाई की है.

3 दिसंबर को स्याना में गोकशी की सूचना के बाद भारी हिंसा हुई थी. इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक नागरिक सुमित की मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था. सरकार ने घटना की जांच करने के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था. टीम ने अपनी जांच में कहा था कि हिंसा से पहले क्षेत्र में गोकशी की गई थी. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

गोकशी के बाद ही हिंसा फैली थी. एक गांव के खेत में प्रतिबंधित पशु के अवशेष पाए गए थे. इससे पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया था. गुस्साए लोग पास ही के चिंगरावठी थाने पहुंच गए थे. इसके बाद भीड़ ने पूरे इलाके में जमकर उत्पात मचाया था. उपद्रवियों ने थाना फूंकने के अलावा कई गाड़ियों में आग लगा दी थी. इलाके के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाद में हुई जांच में ये भी दावा किया गया कि कुछ लोगों ने इंस्पेक्टर पर कुल्हाड़ी से भी वार किया था.

हिंसा में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें एक गोकशी से संबंधित थी. सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने गोकशी केस की जांच पूरी कर गोकशी होने का दावा किया था.

पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था. सभी ने गोकशी की बात मान भी ली थी. अब सरकार ने तीन लोगों के खिलाफ NSA लगा दिया है.

हिंसा के मामले में पुलिस ने एक महीने बाद 3 जनवरी 2019 को मुख्य आरोपी  बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को दबोचा है. उस पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है. योगेश राज के नाम से आज बुलंदशहर में मकर संक्रांति की बधाई देने के पोस्टर लगे हैं जो चर्चा में है. इससे पहले पुलिस ने एक सैनिक को मुख्य आरोपी बताते हुए हिरासत में लिया था.