ब्रिग्ज़िट मामले पर वोटिंग, ब्रिटिश प्रधानमंत्री की करारी हार

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ब्रिटिश संसद ने यूरोपीय संघ से अलग होने के प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे के बिल को बहुसंख्या से रद्द कर दिया जिसके बाद ब्रिग्ज़िट के मामले पर दोबारा बहस शुरु की जाएगी।

बिल के विरोध में 432 वोट जबकि पक्ष में 202 वोट पड़े है। ब्रिग्ज़िट से निकलने के लिये 29 मार्च की तारिख निर्धारित की गयी है। इसमें दो महीने बचे हैं। यदि ब्रिटिश संसद में यह प्रस्ताव पारित नहीं होता है तो ब्रिटेन की यूरोपीय संघ छोड़ने की योजना खटाई में पड़ सकती है।

निचले सदन में इस बुरी हार के बाद टेरीज़ा मे को बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा। विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने अलग-अलग कारणों से इस समझौते का विरोध किया है। हालांकि, टेरीज़ा मे ने सासंदों से इस पर एक बार फिर से विचार करने का आग्रह किया है। मे ने कहा, “नहीं, यह पूरी तरह सही नहीं है। पर हां, यह वास्तव में मध्यमार्ग है। लेकिन जब इतिहास लिखा जायेगा, तो लोग संसद के फैसले को देखेंगे और पूछेंगे कि क्या हमने यूरोपीय संघ को छोड़ने के लिये मतदान किया? या फिर हमनें देश की जनता को निराश किया।

विपक्षी पार्टी के नेता जेर्मी कोरबन ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सरकार को विध्वंसक पराजय का सामना करना पड़ा और टेरीज़ा मे की सरकार ने जनता और संसद का विश्वास खो दिया है।

उल्लेखनीय है कि 18 महीने तक चली बातचीत की प्रक्रिया के बाद नवंबर में यूरोपीय संघ के साथ ब्रिग्ज़िट समझौते पर सहमति हुई थी। दिसंबर में समझौते को लेकर निम्न सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में मतदान होना था लेकिन हार के डर से इसे टाल दिया गया था। इसके बाद से वह सांसदों को स्पष्टीकरण दे रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह सांसदों को मना लेंगी।