जम्मू, 12 फरवरी । बाढ़ के पूवार्नुमान तंत्र को लागू करने के एक कदम के तहत, जम्मू और कश्मीर ने पृथ्वी अवलोकन आधारित सूचना का उपयोग करते हुए इम्पैक्ट-बेस्ड फ्लड फोरकास्टिंग के लिए ब्रिटेन स्पेस एजेंसी की सहयोगी परियोजना के साथ हाथ मिलाया है।
लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने एक आधिकारिक बयान में कहा, बाढ़ के जोखिमों का प्रभाव आधारित पूवार्नुमान त्वरित मूल्यांकन के लिए उपयोगी होगा।
उन्होंने कहा कि बाढ़ की घटनाओं का विश्लेषण करने और संभावित बाढ़ और उसके प्रभाव के बीच संबंधों की पहचान करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विशिष्ट महत्व प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि इससे लोगों को अपने घरों, फसलों, पशुधन और परिवहन मार्गो पर पड़ने वाले प्रभावों का पता चल जाएगा, जिससे बाढ़ की घटनाओं के दौरान लोग आने वाली कई चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले से तैयार होंगे।
इस परियोजना को एचआर वॉलिंगफोर्ड द्वारा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, सायर्स एंड पार्टनर्स और डी-ऑर्बिट (यूके) के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने भारत को दुनिया के 10 सबसे आपदा प्रभावित देशों में शुमार किया है और बाढ़ को जलवायु से जुड़ा सबसे बड़ा खतरा बताया है।
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